BJP सांसद ने कहा-अब वो दिन दूर नहीं जब PoK में फहराया जाएगा तिरंगा
By भाषा | Updated: October 24, 2019 17:09 IST2019-10-24T17:09:00+5:302019-10-24T17:09:20+5:30
सुरंग का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने का प्रस्ताव स्वीकार करने का श्रेय सिंह ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को दिया।

66 वर्ष पहले 11 मई 1953 को मुखर्जी को बिना प्राथमिकी, आरोपपत्र या चेतावनी दिए अवैध रूप से लखनपुर से गिरफ्तार किया गया था
केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में तिरंगा फहराना संभव होगा। जम्मू-कश्मीर में चेनानी- नाशरी सुरंग का नाम बदलने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सिंह ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नये भारत का कारवां आगे बढ़ रहा है और वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में तिरंगा फहराया जाएगा जिसके लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना जीवन कुर्बान कर दिया था।’’
सुरंग का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने का प्रस्ताव स्वीकार करने का श्रेय सिंह ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को दिया। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने 2017 में नौ किलोमीटर लंबी सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया था जिससे जम्मू और श्रीनगर के बीच दूरी में 31 किलोमीटर की कमी आई लेकिन ‘‘किन्हीं मजबूरियों’’ के कारण इसका नाम मुखर्जी के नाम पर नहीं रखा जा सका था।
उन्होंने कहा कि 66 वर्ष पहले 11 मई 1953 को मुखर्जी को बिना प्राथमिकी, आरोपपत्र या चेतावनी दिए अवैध रूप से लखनपुर से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें चेनानी- नाशरी मार्ग से श्रीनगर ले जाया गया था। मुखर्जी की 23 जून 1953 को मृत्यु के बाद उनकी मां ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखकर उनकी मौत की जांच करने की मांग की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ कारणों से तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने उस पत्र पर ध्यान नहीं दिया और कोई जांच नहीं की गई। अब नया जमाना है। तब नेहरू की सरकार थी, अब मोदी की सरकार है... उस जांच या खामी को पाटा जा सकता है लेकिन यह यादगारी भावी पीढ़ी के लिए उनकी विरासत एवं याद को संजोकर रखेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नेहरू सरकार की खामियों को मोदी सरकार ने दुरूस्त कर दिया है।’’ अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने के करीब दो महीने बाद सुरंग का नाम बदलने का निर्णय किया गया है।
‘चेनानी- नाशरी सुरंग’ का निर्माण 2600 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। यह सुरंग बर्फ से आच्छादित ऊपरी इलाकों से अलग होकर गुजरती है जिससे यात्रा की अवधि दो घंटे कम हो जाती है और जम्मू से उधमपुर, रामबन, बनिहाल और श्रीनगर यात्रा करने वाले हर समय सुरक्षित यात्रा कर सकते हैं।