राज्यसभा में भाजपा सांसद ने बतौर प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया यूनिफॉर्म सिविल कोड का प्रस्ताव, मचा हंगामा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 9, 2022 07:04 PM2022-12-09T19:04:20+5:302022-12-09T19:13:30+5:30
राज्यसभा में भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने बतौर प्रइवेट बिल सदन के पटल पर यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का प्रस्ताव चर्चा के लिए रखा। जिसका विपक्षी दलों के सांसदों ने कड़ा विरोध किया।
दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में आज उस समय जोरदार हंगामा हुआ, जब राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने बतौर प्राइवेट मेंबर बिल के तहत सदन के पटल पर यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का प्रस्ताव रखा। यह बिल अभी सरकार द्वारा राज्यसभा में नहीं पेश नहीं किया गया है बावजूद उसके विपक्षी दलों ने इसे लेकर जोरदार शोर-शराबा किया।
विपक्षी दल यूनिफॉर्म सिविल कोड के बिल का विरोध करते हुए तर्क दे रहे थे कि चूंकि सत्ताधारी दल के सांसद द्वारा यह बिल लाया गया है, इससे स्पष्ट है कि सरकार अपने सांसद के कंधे पर कॉमन सिविल कोड का बंदूक रखकर इस सदन में चला रहा है ताकि वो इस विषय पर सदन का मिजाज भांप सके।
इस संबंध में समाजवादी पार्टी, सीपीआईएम, एनसीपी समेत कई विपक्षी सांसदों ने काफी तीखा विरोध किया, जिसके कारण सदन की अध्यक्षता कर रहे सभापति जगदीप धनखड़ को हस्तक्षेप करना पड़ा। सभापति धनखड़ ने विपक्षी सांसदों को आश्वासन दिया कि सदन में होने वाली प्रत्येक कार्यवाही तय नियमों के तहत की जाएगी और वो इस बात के लिए निश्चित रहें कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा सत्ता पक्ष के हैं तो इसे विशेष तरजीह मिलेगी।
इसके साथ ही उन्होंने सांसद मीणा द्वारा पेश किये गये बिल पर विपक्षी सांसदों से चर्चा में भाग लेने और अपना मत व्यक्त करने का भी अनुरोध किया। जिसके बाद समाजवादी पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि मुसलमानों में चचेरी बहन से शादी करना अच्छा माना जाता है, लेकिन हमारे में हिंदुओं में इसे बुरा माना जाता है, ऐसी स्थिति में सरकार समान नागरिक संहिता कैसे लागू कराएगी। सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार ऐसे प्रावधानों को एक समान बनाने के लिए किस ओर से शुरूआत करेगी।
सपा के विरोध के अलावा इस प्राइवेट मेंबर बिल का विरोध करते हुए केरल से आईयूएमएल के राज्यसभा सांसद अब्दुल वहाब ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को किसी भी हालत में इंडिया में लागू नहीं किया जा सकता। वहाब ने राज्यसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि यह एक और इनटोलरेंस है, इसे न होने दिया जाए।
विपक्षी दलों के इस कड़े विरोध के बीच सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का जमकर समर्थन किया। इस कारण सदन में हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई। जिसके बाद सभापति धनखड़ ने फिर से हस्तक्षेप करते हुए सदन के सभी सदस्यों को अपनी बारी आने पर ही बोलने का आग्रह किया।
इसी शोर-शराबे के बीच केरल के ही एक अन्य राज्यसभा सांसद सीपीआईएम के इलामाराम करीम ने कहा कि सभापति को किरोड़ी लाल मीणा को यह प्रस्ताव वापस लेने का निर्देश देना चाहिए क्योंकि इससे देश की विविधता नष्ट होगी और एकता के लिए खतरा उपन्न हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से चीजें किसी धर्म या संप्रदाय पर थोपी नहीं जानी चाहिए।