भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राजनीति को अलविदा कह दिया है। बाबुल सुप्रियो ने सोशल मीडिया पर यह ऐलान किया है। उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि एक महीने के भीतर मैं सरकारी आवास छोड़ दूंगा और सांसद पद से भी त्यागपत्र दे दूंगा। साथ ही कहा कि वह राजनीति में समाज सेवा के लिए ही आए थे। लोगों की सेवा के लिए राजनीति में रहने की जरूरत नहीं है।
बाबुल सुप्रियो पश्चिम बंगाल में भाजपा के बड़े नेता हैं। हालांकि कुछ दिनों से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि बाबुल सुप्रियो बड़ा फैसला ले सकते हैं। खासतौर पर भाजपा में उनकी घटती भूमिका को लेकर और उनकी चुप्पी से यह बात समझी जा रही थी। हालांकि उन्होंने कहा कि वह हमेशा से ही भाजपा का हिस्सा रहे हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस फैसले को 'वो' समझ जाएंगे।
उन्होंने कहा है कि वह काफी समय से राजनीति छोड़ना चाहते थे, लेकिन भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की वजह से हर बार उन्होंने अपना यह फैसला वापस लिया। हालांकि अब कुछ नेताओं के साथ मतभेद और विवादों के कारण राजनीति छोड़ने का फैसला लिया।
अपनी पोस्ट में उन्होंने पार्टी के साथ अपने मतभेदों को स्वीकार किया है और उसे लेकर भी पोस्ट में काफी लिखा है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि पार्टी के साथ मेरे कुछ मतभेद थे, चुनाव से पूर्व ही वो बातें सामने आ चुकी थीं। मैं हार के लिए जिम्मेदारी लेता हूं, लेकिन दूसरे नेता भी जिम्मेदार हैं।
पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'अलविदा, मैं किसी राजनीतिक दल में नहीं जा रहा हूं। टीएमसी, कांग्रेस, सीपीआई (एम) में से किसी ने मुझे नहीं बुलाया है। समाज सेवा का कार्य करने के लिए मैं राजनीति में होने की आवश्यकता नहीं है।'
बता दें कि हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार से पहले पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था। बाबुल सुप्रियो ने सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि करते हुए लिखा था, 'मुझे इस्तीफा देने को कहा गया और मैंने ऐसा किया।' उन्होंने फेसबुक पर लिखा था, 'मैं प्रधानमंत्री का आभारी हूं कि उन्होंने मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया ।'