बीजेपी विधायक के विवादित बोल, गृहमंत्री होता तो बुद्धिजीवियों को गोली मरवा देता
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: July 27, 2018 01:25 PM2018-07-27T13:25:39+5:302018-07-27T13:25:39+5:30
कर्नाटक के विजयपुरा इलाके से विधायक बासनगौड़ा पाटिल यतनाल ने गोली मरवाने की बात कही है।एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा है कि यदि वह गृहमंत्री होते तो पुलिस को बुद्धिजीवियों को गोली मारने का आदेश दे देते।
कर्नाटक, 27 जुलाई: भारतीय जनता पार्टी के विधायक का बयान इन दिनों में सुर्खियों में है। कर्नाटक के विजयपुरा इलाके से विधायक बासनगौड़ा पाटिल यतनाल ने गोली मरवाने की बात कही है।एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा है कि यदि वह गृहमंत्री होते तो पुलिस को बुद्धिजीवियों को गोली मारने का आदेश दे देते।
छत्तीसगढ़: BJP व्हाट्सऐप ग्रुप में नेता ने भेजा पोर्न, कई बड़े नेताओं ने छोड़ा ग्रुप
इस विधायक का कहना है कि कथित उदारवादी और बुद्धिजीवी देश विरोधी हैं। कारगिल विजय दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इस बयान को दिया है। बीजेपी विधायक ने कहा कि ये लोग (बुद्धिजीवी) इस देश में रहते हैं और हमारे टैक्स से सारी सुविधाएं पाते हैं। इसके बाद ये भारतीय सेना के खिलाफ बयानबाजी करते हैं।
हमारे देश को सबसे ज्यादा खतरा इन सेक्यूलर और बुद्धिजीवी लोगों से ही है। इन इस बयान के सामने आने के बाद से उनकी आलोचना की जा रही है। जबकि ऐसा पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया हो इससे पहले भी कई विवादित बयान दिए हैं। इससे पहले वह सुर्खियों में तब आए थे जब बीजेपी विधायक ने एक स्थानीय पार्टी के नेता को मुस्लिमों की मदद ना करने को कहा था, क्योंकि उनके अनुसार, मुस्लिमों ने भाजपा को वोट नहीं दिया था।
बीजेपी विधायक की एक वीडियो भी सामने आयी थी, जिसमें वह कहते सुनाई दे रहे थे कि ‘मैंने कभी मुस्लिमों से वोट नहीं मांगा है। मुझे हिंदुओं पर विश्वास है और वो मेरे लिए वोट करेंगे।’ इसके अलावा उन्होंने एक स्थानीय कारपोरेटर को आदेश देते हुए कहा था कि ‘मुस्लिम उनके ऑफिस ना आने पाएं। वह 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में टेक्सटाइल और रेलवे के राज्यमंत्री भी रह चुके हैं।
BJP सांसद हेमा मालनी एक मिनट में बन सकती हैं मुख्यमंत्री, लेकिन उन्हें कोई शौक नहीं
साल 2010 में बासनगौड़ा पाटिल यतनाल ने भाजपा से इस्तीफा देकर जनता दल (सेक्यूलर) का दामन थाम लिया था। हालांकि एक साल बाद ही यतनाल ने जनता दल (सेक्यूलर) छोड़ दी और निर्दलीय एमएलसी चुने गए। हांलाकि 2013 में उन्होंने एक बार फिर से पार्टी में घरवापसी की थी।