सुप्रिया सुले को भाजपा नेता ने कहा, "घर जाकर खाना बनाएं", बृंदा करात और कनिमोझी ने किया विरोध
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 27, 2022 02:31 PM2022-05-27T14:31:12+5:302022-05-27T14:35:58+5:30
महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने बीते बुधवार को लोकल बॉडी इलेक्शन में ओबीसी के लिए आरक्षण के मुद्दे पर सवाल उठाने के लिए सुप्रिया सुले को कहा कि वो "घर जाकर खाना बनाए"। इस मामले में सीपीएम नेता बृंदा करता और डीएमके नेता कनिमोझी ने भाजपा नेता के बयान की कड़ी आलोचना की है।
मुंबई: महाराष्ट्र में भाजपा नेता द्वारा सुप्रिया सुले को यह कहना की वो राजनीति करने की जगह "घर जाकर खाना बनाएं", ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है।
इस कारण महिला नेताओं में भारी रोष है और दलगत भावनाओं से उपर उठकर सभी दलों की महिला नेताओं ने भाजपा नेता के विवादित टिप्पणी की जमकर आलोचना की हैं।
दरअसल यह विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने बीते बुधवार को लोकल बॉडी इलेक्शन में ओबीसी के लिए आरक्षण के मुद्दे पर सवाल उठाने के लिए सुप्रिया सुले को कहा कि वो "घर जाकर खाना बनाए"।
इस मामले में सीपीएम नेता और अनुभवी सांसद बृंदा करात ने गुरुवार को तिरुवनंतपुरम में राज्य विधानसभा द्वारा आयोजित राष्ट्रीय महिला विधायक सम्मेलन में 'संविधान और महिलाओं के अधिकारों' विषय पर बोलते हुए कड़ी नाराजगी जताई।
बृंदा करात ने राजनीति में पुरुषों के द्वारा महिलाओं को अपमानित करने के आपराध के लिए दंडित करने और इसे रोकने के लिए आचार संहिता बनाने की बात पर जोर देते हुए कहा कि मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए सार्वजनिक जीवन में महिलाओं के खिलाफ सेक्सिस्ट टिप्पणियों पर प्रतिबंध लगाना बेहद जरूरी है, जिससे राजनीतिक दलों में लिंगभेद को समाप्त किया जा सके।
उन्होंने कहा, “महिलाएं अलग-अलग -दलों में हैं, उनमें राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं। लेकिन हमें महिलाओं के अपमान को रोकने के लिए संसद और विधानसभा में ऐसी आचार संहिता लानी चाहिए, जिससे सार्वजनिक जीवन में काम कर रही महिलाओं के खिलाफ सेक्सिस्ट टिप्पणियों को रोका जा सके और इसके लिए सभी महिलाओं को एकसाथ आने की जरूरत है।”
समाचार एजेंसी 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक करात ने यह भी कहा, “अगर मेरी पार्टी के नेता किसी महिला नेता के बारे अपमानजनक बात बोलते हैं और वो सोचते होंगे कि वह किसी एर महिला नेता को नीचा दिखा रहे हैं तो वह गलत हैं, क्योंकि उनकी इस सोच से वास्तव में सभी महिला नेताओं का अपमान होता है। इससे लोकतंत्र की गरिमा गिरती है और सार्वजनिक जीवन में स्थापित उच्च मूल्यों को छति पहुंचती है।”
सीपीएम नेता वृंदा करात की तरह डीएमके नेता और लोकसभा सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने भी सुप्रिया सुले के मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह सार्वजनिक जीवन में महिला नेताओं पर शर्मसार टिप्पणी करने के खिलाफ एक विधेयक लाएगी।
कनिमोझी ने कहा, “सोशल मीडिया के दौर में कोई भी बिना किसी भय के महिला पत्रकारों, राजनेताओं, लेखिकाओं और सार्वजनिक जीवन में किसी भी महिला के बारे में कुछ भी बोल या लिख सकता है। मैं भरोसा दिलाती हूं कि हम महिलाओं को शर्मसार करने के खिलाफ, सोशल मीडिया पर, महिलाओं के बारे में सार्वजनिक मंचों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के खिलाफ बिल जरूर लाएंगे।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “लोगों को समझना चाहिए कि इससे हमें मजबूती मिलेगी। यदि आप यही सपना देखते हैं कि हम केवल खाना पकाने के लिए हैं तो हम आपको खाना बनाना भी सिखा सकते हैं। हम इस मामले में आपको शर्मिंदा नहीं करेंगे।"