इकबाल जैसे युवा ही ढूंढ़ रही है BJP सरकार
By खबरीलाल जनार्दन | Updated: December 24, 2017 12:05 IST2017-12-24T10:44:52+5:302017-12-24T12:05:58+5:30
जो इकबाल एक रिजॉर्ट में 9000 रुपये की नौकरी करते थे अब 10 लोगों को रोजगार दे रहे हैं।

इकबाल जैसे युवा ही ढूंढ़ रही है BJP सरकार
(इकबाल फोटो में दायीं तरफ हैं। तस्वीर बैहर से सुधीर शर्मा ने भेजी है।)
मध्य प्रदेश के बैहर निवासी इकबाल खान ने टूरिज्म मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद नौकरी तलाशनी शुरू की। उनके ऊपर परिवार को संभालने की भी जिम्मेदारी थी। इसीलिए उन्होंने प्रोफेशनल कोर्स किया, ताकि पढ़ाई के ठीक बाद नौकरी मिलने में आसानी हो। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
उन्होंने बैहर के पास ही एक निजी रिजॉर्ट में नौकरी कर ली। वहां उनकी सैलरी 9000 रुपये थी। यह पैसे उनके परिवार के गुजारे के लिए नाकाफी थे। रिजॉर्ट में काम करने के दौरान ही इकबाल को अपना होटल खोलने का आइडिया आया।
लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। तभी उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्किल इंडिया की तर्ज पर मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार की योजना मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के बारे में पता चला।
उन्होंने इस योजना से भारतीय स्टेट बैंक से 50 लाख रुपये का लोन पास करा लिया। इन पैसों से उन्होंने फिलहाल अपना एक छोटा रेस्टोरेंट खोल लिया है। साथ ही होटल निर्माण का काम भी शुरू कर दिया है।
चूंकि इकबाल एक टूरिज्म मैनेजमेंट के छात्र रहे हैं और बैहर के पास ही में कान्हा नेशनल पार्क होने से उन्होंने एक टूर एंड ट्रेवल्स बिजनेस भी डाल दिया है। ऐसे में जो इकबाल एक रिजॉर्ट में 9000 रुपये की नौकरी करते थे अब 10 लोगों को रोजगार दे रहे हैं।
क्या है मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में युवाओं को स्वयं का उद्यम लगाने के लिए 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक का ऋण बैंक के माध्यम से दिया जाता है। इस योजना में हितग्राही को परियोजना लागत का 15 प्रतिशत शासन की ओर से अनुदान दिया जाता है। अगर लोन की नियमित किश्त अदा की जाए तो आगामी सात सालों तक ब्याज महज 5 प्रतिशत होता है। हालांकि योजना से पैसे लेने के लिए पहले एक अदद पूरा बिजनेस प्लान बैंक को समझाना होता है। साथ ही अमानत के तौर पर परिचदाता या संपत्ति आदि का विवरण देना होता है।
इकबाल सफल नहीं हुए तो क्या होगा
एेसी सभी योजनाओं के तहत लोन पर पैसे लेकर व्यवसाय शुरू करने वाले छोटे उद्यमियों पर असफलता का भारी दवाब रहता है। लेकिन इकबाल कहते हैं कि उन्हें इसका डर ही नहीं है। वह अपने काम को बखूबी समझते हैं। वह सात सालों में पैसे चुका देंगे। बावजूद इसके असफल हुए तो क्या करेंगे इसका जवाब इस वक्त उनके पास नहीं है।