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एकनाथ खड़से का भाजपा से इस्तीफा, सीएम उद्धव ठाकरे बोले-इस बारे में सोचना चाहिए कि उसकी नींव के पत्थर क्यों खिसक रहे हैं

By भाषा | Updated: October 21, 2020 21:36 IST

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि खड़से का शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) परिवार में ‘‘निश्चित तौर पर स्वागत’’ है।

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ठळक मुद्देजयंत पाटिल ने घोषणा की कि महाराष्ट्र भाजपा में काफी समय से नाराज चल रहे खड़से शुक्रवार को राकांपा में शामिल होंगे।राज्य के विभिन्न हिस्सों में (भाजपा के) दिवंगत नेताओं, प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे के साथ पार्टी (भाजपा का) जनाधार बढ़ाया।शिवसेना प्रमुख ने कहा कि खड़से की एक अलग पहचान है, वह एक योद्धा हैं और बेबाक बोलने वाले नेता हैं।

उस्मानाबादः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राकांपा में शामिल होने के लिए एकनाथ खड़से के भाजपा छोड़ने पर बुधवार को कहा कि पार्टी को इस बारे में सोचना चाहिए कि जब वह सफलता के चरम पर पहुंच रही है, तो फिर उसकी नींव के पत्थर क्यों खिसक रहे हैं।

ठाकरे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि खड़से का शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) परिवार में ‘‘निश्चित तौर पर स्वागत’’ है। राज्य के जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने घोषणा की कि महाराष्ट्र भाजपा में काफी समय से नाराज चल रहे खड़से शुक्रवार को राकांपा में शामिल होंगे।

ठाकरे ने कहा कि खडसे उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने राज्य के विभिन्न हिस्सों में (भाजपा के) दिवंगत नेताओं, प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे के साथ पार्टी (भाजपा का) जनाधार बढ़ाया। शिवसेना प्रमुख ने कहा कि खड़से की एक अलग पहचान है, वह एक योद्धा हैं और बेबाक बोलने वाले नेता हैं।

ठाकरे ने कहा, ‘‘जब एकनाथजी खड़से जैसा कोई नेता, जिन्होंने भाजपा की बुनियाद मजबूत की, पार्टी छोड़ते हैं तो भाजपा को इस बारे में सोचना चाहिए कि ऐसे समय में उसकी नींव के पत्थर क्यों खिसक रहे हैं, जब वह सफलता के चरम पर पहुंच रही है।’’ उन्होंने कहा कि यदि नींव का पत्थर ही निकलकर बाहर चला जाए, तो ऐसे में सफलता के चरम पर पहुंचने का क्या मतलब रह जाता है।

मुख्यमंत्री, पिछले हफ्ते भारी बारिश और बाढ़ से हुई क्षति का जायजा लेने के लिए उस्मानाबाद जिले के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले, हमने (शिवसेना) राजग छोड़ दिया, शिरोमणि अकाली दल ने भी हाल ही में यह गठबंधन (राजग) छोड़ दिया। अब खड़से भाजपा के साथ नहीं हैं। इसलिए, भाजपा को इस बारे में सोचना चाहिए। भाजपा का पुराना मित्र होने के नेता उसे सतर्क करना मेरा कतर्व्य है।’’

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