भाजपा ने थानों में पूजा स्थल का निर्माण नहीं करवाने संबंधी परिपत्र वापस लेने की मांग की

By भाषा | Updated: October 26, 2021 23:55 IST2021-10-26T23:55:11+5:302021-10-26T23:55:11+5:30

BJP demands withdrawal of circular regarding not getting construction of places of worship in police stations | भाजपा ने थानों में पूजा स्थल का निर्माण नहीं करवाने संबंधी परिपत्र वापस लेने की मांग की

भाजपा ने थानों में पूजा स्थल का निर्माण नहीं करवाने संबंधी परिपत्र वापस लेने की मांग की

जयपुर, 26 अक्टूबर राजस्थान में जिला पुलिस अधीक्षकों से पुलिस कार्यालय परिसर/ पुलिस थानों में पूजा स्थल का निर्माण नहीं करवाने संबंधी कानून का कड़ाई से पालन करवाने को कहा गया है। वहीं भाजपा ने यह आदेश वापस लेने की मांग की है।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि प्रदेश के पुलिस विभाग के कार्यालय परिसर व पुलिस थानों में पूजा स्थल के निर्माण पर रोक लगाने का राज्य सरकार का आदेश औचित्यहीन है, इसकी आवश्यकता नहीं थी, इससे गहलोत सरकार का हिंदू विरोधी चेहरा सामने आया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि इस औचित्यहीन आदेश को राज्य सरकार अविलंब वापस ले।’’

उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप से आजादी से पहले से ही थानों में पूजा स्थल स्थापित होते आए हैं और उनकी पूजा अर्चना भी होती है, इससे थानों में सुखद एवं आध्यात्मिक वातावरण बना रहता है।

पूनियां ने कहा कि थानों में अवैध निर्माण को नियंत्रित करने के लिए अपने आप में पुलिस में स्व अनुशासन होता है, जिससे थानों के भीतर कोई अवैध निर्माण की स्थिति नहीं होती है।

भाजपा के राज्यसभा सदस्य डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने आलोचना की है और इसे हिंदू विरोधी फरमान बताते हुए आदेश पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।

मीणा ने एक बयान जारी करके आरोप लगाया कि प्रदेश में खराब हो चुकी कानून व्यवस्था को संभालने की बजाय राजस्थान पुलिस इस प्रकार के बेमतलब के आदेश निकालने में अपनी ऊर्जा और समय नष्ट कर रही है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान पुलिस के इस निर्णय से कांग्रेस का हिंदू विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। इस हिंदू विरोधी फरमान को सरकार बिना किसी देरी के वापस ले।

राजस्थान पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आवासन) ए. पौंनुचामी ने बताया, ‘राजस्थान धार्मिक भवन एवं स्थल अधिनियम 1954’ के नियमों का पालन करवाये जाने के संबंध में जारी परिपत्र का मुख्य उद्देश्य प्रभावशाली लोगों द्वारा थानों में धार्मिक स्थल निर्माण करवाकर अनावश्यक दखल की संभावना को रोकना है।

उन्होंने बताया कि प्रभावशाली लोगों द्वारा थानों में जन सहभागिता से धार्मिक स्थल निर्माण करवाकर अपने प्रभाव से आमजन को मिलने वाले न्याय को प्रभावित करने के प्रयास के कतिपय उदाहरण भी सामने आए थे। इसे ध्यान में रखते हुए ही 1954 में जारी आदेशों के पालन हेतु परिपत्र जारी किया गया है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि थानों व पुलिस कार्यलयों में अब तक बने पूजा स्थल इस आदेश से अप्रभावित रहेंगे। नए बनने वाले थाना परिसरों में इसके पालन हेतु निर्देशित किया गया है।

पौंनुचामी ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। आदेश में पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों एवं अन्य इकाई प्रभारियों को निर्देश दिया गया कि ‘राजस्थान धार्मिक भवन एवं स्थल अधिनियम 1954’ का अक्षरश: पालन सुनिश्चित करें।

आदेश में उन्होंने कहा कि विगत वर्षो में पुलिस विभाग के विभिन्न प्रकार के कार्यालय परिसरों/ पुलिस थानों में आस्था के नाम पर जनसहभागिता से पूजा स्थल के निर्माण की प्रवृत्ति में वृद्धि हुई जो कि विधि सम्मत नहीं है।

‘राजस्थान धार्मिक भवन एवं स्थल अधिनियम 1954’ सार्वजनिक स्थानों का धार्मिक उपयोग निषिद्ध करता है। इसके अतिरिक्त पुलिस थानों के प्रशासनिक भवनों के निर्माण के लिये निर्मित एवं अनुमोदित नक्शे में भी पूजा स्थल के निर्माण का कोई प्रावधान नहीं है।

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