भाजपा और नमो ओबीसी के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध: सुशील
By भाषा | Published: August 31, 2021 10:14 PM2021-08-31T22:14:39+5:302021-08-31T22:14:39+5:30
भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कल्याण के लिए अधिकतर कदम केंद्र या बिहार में उनकी पार्टी या जनसंघ के सत्ता में होने के दौरान उठाए गए हैं। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भाजपा ओबीसी मोर्चा द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उक्त बात कही। राज्यसभा सदस्य सुशील की यह टिप्पणी विपक्षी दलों के साथ-साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू (जनता दल यूनाइटेड) द्वारा जाति आधारित जनगणना की मांग की पृष्ठभूमि में आई है, जो संसद में केंद्र सरकार के इस बयान के बाद उठी कि केवल एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी (अनुसूचित जनजाति) की गणना का प्रस्ताव रखा गया है। ? सुशील ने कहा, ‘‘बिहार में पहली बार ओबीसी को आरक्षण का उस समय लाभ मिला था, जब अनुभवी समाजवादी कर्पूरी ठाकुर ने जनसंघ के दिग्गज कैलाशपति मिश्रा के साथ राज्य में सरकार का नेतृत्व किया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ 2005 में बिहार में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के सत्ता में आने के बाद ही ओबीसी को पंचायत चुनावों में उसका हक मिला। पिछली राजद (राष्ट्रीय जनता दल) सरकार ने आरक्षण लागू किए बिना ग्राम निकायों के चुनाव कराए थे।’’ सुशील ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार मेडिकल प्रवेश परीक्षा, केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालयों और सैन्य स्कूलों में आरक्षण जैसे उपाय लेकर आई है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री अत्यंत पिछड़े वर्ग से आते हैं और उन्हें भरोसा है कि उनकी सरकार सामाजिक वर्ग के लिए काम करना जारी रखेगी।’’ उन्होंने कहा कि राजद और उसकी सहयोगी कांग्रेस जैसी पार्टियों को यह बताना चाहिए कि इतने लंबे समय तक सत्ता का आनंद लेने के बावजूद वे ओबीसी के लिए कुछ भी करने में विफल क्यों रहीं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के पुत्र और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव के राज्य में नौकरशाही के हावी होने के आरोप पर सुशील ने कहा, ‘‘हम सभी इस बात के गवाह हैं कि लालू के शासनकाल के दौरान नौकरशाही कैसे काम करती थी। आईएएस अधिकारी उनका पीकदान ढोया करते थे। क्या राजद नौकरशाही से इस तरह के व्यवहार की उम्मीद करता है। कभी नीतीश को प्रधानमंत्री बनने योग्य बता चुके सुशील ने इस बाबत पूछे जाने पर कहा, ‘‘यह कोई मुद्दा नहीं है और इस मुद्दे पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।
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