माकपा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि भाजपा और हिंदुत्ववादी ताकतें अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के मुद्दे का इस्तेमाल मुसलमानों के खिलाफ भावनाएं भड़काने और इस्लामोफोबिया (इस्लाम को लेकर दुर्भावना) फैलने के लिए कर रही हैं। वामपंथी दल ने अपने मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ में लिखे संपादकीय में यह दावा भी किया कि पिछले कुछ हफ्तों में ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें इस समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया। माकपा ने कहा, ‘‘कुछ कट्टरपंथी मौलवियों ने तालिबान की तारीफ की। इसी से योगी आदित्यनाथ जैसे लोगों को तालिबान का हव्वा खड़ा करने का बहाना मिल गया।’’ उसने आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों पर हमले की घटनाओं के वीडियो बनाये गये और प्रसारित किये गये। ऐसा लगता है कि इसका मकसद इन घटनाओं को प्रचारित करना और हमलावरों का महिमामंडन करना है। माकपा ने दावा किया, ‘‘अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे की घटना का उपयोग यहां भाजपा और हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ भावनाएं भड़काने और इस्लामोफोबिया फैलाने के लिए किया जा रहा है।
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