भाजपा का आरोप, तृणमूल नेता दुर्गा पूजा समितियों के जरिए चिटफंड घोटाले, कट मनी से बनाए गए काले धन को सफेद कर रहे हैं
By भाषा | Updated: August 12, 2019 13:57 IST2019-08-12T13:57:49+5:302019-08-12T13:57:49+5:30
कुछ पूजा समितियों में वरिष्ठ तृणमूल नेता और मंत्री अहम पदों पर हैं व वे इसका इस्तेमाल चिटफंड घोटाले और कट मनी से बनाए गए काले धन को सफेद बनाने में कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस को भय है कि अब इस कड़ी का खुलासा हो जाएगा।’’

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने दुर्गा पूजा समितियों पर बनर्जी की चिंता को ‘‘घड़ियाली आंसू’’ करार दिया
पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा समितियों को आयकर नोटिस जारी होने पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा की गई आलोचना पर भाजपा ने सोमवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का एक तबका चिटफंड घोटाले से अर्जित धन को पूजा समितियों के जरिए सफेद बनाने के काम में लगा है।
बनर्जी ने कई दुर्गा पूजा समितियों को आयकर नोटिस भेजे जाने पर रविवार को केन्द्र की आलोचना करते हुए कहा था कि त्योहारों को कर के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी भाजपा नीत केन्द्र सरकार के इस कदम के विरोध में 13 अगस्त को शहर में धरना देगी।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा,‘‘अगर आयकर विभाग दुर्गा पूजा समितियों में धन के प्रवाह को देखता है तो इसमें नुकसान क्या है। कुछ पूजा समितियों में वरिष्ठ तृणमूल नेता और मंत्री अहम पदों पर हैं व वे इसका इस्तेमाल चिटफंड घोटाले और कट मनी से बनाए गए काले धन को सफेद बनाने में कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस को भय है कि अब इस कड़ी का खुलासा हो जाएगा।’’
उन्होंने दुर्गा पूजा समितियों पर बनर्जी की चिंता को ‘‘घड़ियाली आंसू’’ करार दिया और कहा कि अगर उन्हें इन समितियों की इतनी ही चिंता है तो तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने अनेक बार राज्य में मोहर्रम के लिए दुर्गा पूजा से जुड़े आयोजनों को रोकने की कोशिश क्यों की।
सिन्हा ने आरोप लगाया कि बनर्जी हिन्दुओं की भावना पर ध्यान रखने की जगह मुसलमानों के तुष्टीकरण में ज्यादा दिलचस्पी लेती हैं। बनर्जी ने रविवार को ट्वीट किया था, ‘‘आयकर विभाग ने दुर्गा पूजा आयोजन करने वाली कई समितियों को नोटिस जारी कर उन्हें कर चुकाने को कहा है।
हमें अपने सभी राष्ट्रीय त्योहारों पर गर्व है। ये त्योहार सबके लिए हैं और हम नहीं चाहते कि किसी भी पूजा महोत्सव पर कर लगना चाहिए।’’