बिरसा मुंडा जयंती: झारखंड स्थापना दिवस पर पीएम मोदी ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी को किया याद, दी श्रद्धांजलि
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 15, 2019 01:43 PM2019-11-15T13:43:13+5:302019-11-15T13:43:13+5:30
Birsa Munda Jayanti: झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा को किया याद
अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था। उनकी जयंती देश में बिरसा मुंडा जयंती के रूप में मनाई जाता है और संयोग से इसी दिन झारखंड का स्थापना दिवस भी पड़ता है। झारखंड राज्य की स्थापना बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर 2000 में हुई थी।
इस खास दिन के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य नेताओं ने 'धरती आबा' (धरती के पिता) के नाम से चर्चित क्रांतिकारी नेता को श्रद्धांजलि दी।
पीएम मोदी ने दी बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि, झारखंड स्थापना दिवस की बधाई
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, 'झारखंड बहादुरी और दया का पर्याय है। इस धरती के लोग हमेशा ही प्रकृति के साथ सौहार्द से रहे हैं। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से कई क्षेत्रों में सफलताएं हासिल की हैं। मेरी कामना है कि झारखंड प्रगति की नित नई ऊंचाइयों को छुए और भगवान बिरसा मुंडा के समृद्ध, सशक्त और खुशहाल राज्य के सपने को साकार करे।'
पीएम ने झारखंड को उसके स्थापन दिवस की बधाई दी और राज्य के नित नए विकास की कामना की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'झारखंड की जनता को राज्य के स्थापना दिवस की बहुत-बहुत बधाई।'
झारखंड की जनता को राज्य के स्थापना दिवस की बहुत-बहुत बधाई।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2019
मेरी कामना है कि झारखंड प्रगति की नित नई ऊंचाइयों को छुए और भगवान बिरसा मुंडा के समृद्ध, सशक्त और खुशहाल राज्य के सपने को साकार करे। pic.twitter.com/vgHYulrZou
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रियंका गांधी ने भी दी बधाई
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने हिंदी में लिखा, "जोहार झारखंड। राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर झारखंड के लोगों को बधाई और शुभकामनाएं।"
उन्होंने कहा, "झारखंड समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों और समृद्ध संस्कृति वाला राज्य है, जिस पर हम सभी को गर्व है। मैं चाहता हूं कि झारखंड भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से प्रगति की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करे।"
जोहार झारखंड!
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 15, 2019
स्थापना दिवस के अवसर पर झारखंड की जनता को बधाई और शुभकामनाएं।
झारखंड, प्रभूत प्राकृतिक संसाधनों और समृद्ध संस्कृति वाला राज्य है, जिस पर हम सभी को गर्व है।
मेरी कामना है कि भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से झारखंड प्रगति की नई ऊंचाइयां प्राप्त करें ।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी झारखंड को उसके स्थापना दिवस पर बधाई दी। उन्होंने कहा, "मैं राज्य गठन दिवस के अवसर पर झारखंड के लोगों को बधाई देता हूं। अपनी समृद्ध संस्कृति और प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के साथ, झारखंड का भारत में हमेशा एक अनूठा स्थान रहा है। राज्य को एक समृद्ध भविष्य के लिए शुभकामनाएं।'
#झारखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। यह प्रदेश सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से समृद्ध प्रांत है। आप सभी के सुखी और समृद्ध भविष्य की कामना करता हूं।
— Vice President of India (@VPSecretariat) November 15, 2019
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने बिरसा मुंडा को अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई और आदिवासियों के लिए जल, जंगल, जमीन और पहचान के लिए संघर्ष करने वाले नेता के रूप में याद किया।
प्रियंका ने ट्वीट किया, 'जल, जंगल, जमीन और आदिवासी अस्मिता के लिए संघर्ष कर अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए। आपने कहा कि आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन से जुड़े फ़ैसले आदिवासी लेंगे। आदिवासी महानायक और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुण्डा को उनकी जयंती पर शत शत नमन।#धरतीआबा_बिरसामुंडा'
जल, जंगल, जमीन और आदिवासी अस्मिता के लिए संघर्ष कर अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए। आपने कहा कि आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन से जुड़े फ़ैसले आदिवासी लेंगे।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 15, 2019
आदिवासी महानायक और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुण्डा को उनकी जयंती पर शत शत नमन।#धरतीआबा_बिरसामुंडाpic.twitter.com/bxA94e47MK
बिरसा मुंडे ने अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासियों को किया था खड़ा
बिरसा मुंडा का 24 साल की कम उम्र में ही निधन हो गया था, लेकिन आदिवासियों की चेतना जगाकर उन्होंने उन पर गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने आदिवासियों को अंग्रेजी शासन के खिलाफ खड़ा किया था।
उन्होंने नारा दिया था, 'अबुआ राज सेतेर जाना, महारानी राज टुंडु जाना', जिसका मतलब है, 'आइए रानी का शासन खत्म करें और हमारा शासन स्थापित करें।' ब्रिटिश राज को चेतावनी देने वाला ये नारा बेहद लोकप्रिय हो गया था।
बिरसा मुंडा को 3 मार्च को झारखंड के जामखोपाई जंगल से गिरफ्तार किया गया, जब वह अंग्रेजी सेना के खिलाफ लड़ने वाली अपनी आदिवासियों की गुरिल्ला सेना के साथ सो रहे थे। बिरसा मुंडा का रांची जेल में 9 जून 1900 को निधन हो गया। हालांकि अंग्रेजों ने दावा किया कि उनकी मौत कालरा से हुई थी, लेकिन उनमें इसके लक्षण नहीं दिखे थे। जिस जेल में उनकी मौत हुई थी, अब उसका नाम उनके नाम पर रखा दिया गया है।