लाइव न्यूज़ :

बिलकिस बानो केस: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 11 दोषियों की रिहाई का मामला, चीफ जस्टिस बोले- हम करेंगे विचार

By विनीत कुमार | Updated: August 23, 2022 12:46 IST

गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप की शिकार हुईं बिलकिस बानो के दोषियों की जेल से रिहाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। अदालत ने इस मामले पर विचार करने की बात कही है।

Open in App
ठळक मुद्देबिलकिस बानो केस में 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका।चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर विचार करने का दिया भरोसा।इस केस में सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत माफी देते हुए 15 अगस्त को कर दिया था रिहा।

नई दिल्ली: गुजरात के बिलकिस बानो केस में 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुनवाई के लिए दी गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने की बात कही है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, सीपीआई (एम) पोलितब्यूरो सदस्य सुभाषिणी अली और अन्य याचिकाकर्ता की ओर से दायर पीआईएल पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये बात कही। 

चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (सुभाषिणी अली की ओर से), अभिषेक सिंघवी (महुआ मोइत्रा की ओर से), और वकील अपर्णा भट की दलीलों को सुनते हुए मामले पर विचार करने की बात कही।

2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान बिल्कीस बानो से सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले के दोषी सभी 11 लोगों को भाजपा नीत गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत माफी दे दी थी, जिसके बाद 15 अगस्त को उन्हें गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया। हालांकि इस फैसले पर विवाद शुरू हो गया था। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर सवाल उठाए थे।

मुंबई में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को बिल्कीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या करने के मामले में 21 जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने भी इस फैसले को बरकरार रखा था।

बिलकिस बानों के साथ जब गैंगरेप की घटना हुई, उस समय वे पांच महीने की गर्भवती थीं। उस घटना के दौरान उनकी तीन साल की बेटी सालेहा भी भीड़ द्वारा मारे गए 14 लोगों में शामिल थी। ये घटना दाहोद में तीन मार्च 2002 को हुई थी। ये हिंसा गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस पर हमले के बाद भड़की थी। गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगियों में आग लगा दी गई थी जिसमें 59 यात्री मारे गए थे। इसमें मुख्य रूप से 'कार सेवकों' की जान गई थी।

गुजरात सरकार के फैसले के बाद बिल्कीस बानो ने कहा था कि उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई से न्याय पर उनका भरोसा डिग गया है। बिल्कीस बानो ने गुजरात सरकार से ‘इस फैसले को वापस लेने’ और ‘बिना डर और शांति से जीवन जीने’ का उनका अधिकार लौटाने की अपील की थी।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टगुजरात
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेVIDEO: AAP विधायक गोपाल इटालिया पर जूता फेंका, देखें वायरल वीडियो

भारतBhavnagar Complex Fire: आग ने कई अस्पतालों को अपनी चपेट में लिया, चादरों में लिपटे बच्चों को खिड़कियों से बचाया गया, देखें भयावह वीडियो

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतGujarat: भावनगर में पैथोलॉजी लैब में भीषण आग, बुजुर्गों और बच्चों को बचाने का रेस्क्यू जारी; दमकल की टीमें मौजूद

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

भारत अधिक खबरें

भारतगोवा के नाइट क्लब में भीषण आग, 25 लोगों की गई जान; जानें कैसे हुआ हादसा

भारतGoa Club Fire: नाइट क्लब अग्निकांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हुई, 4 पर्यटकों समेत 14 कर्मचारियों की मौत

भारतGoa Fire: गोवा नाइट क्लब आग मामले में पीएम ने सीएम सावंत से की बात, हालातों का लिया जायजा

भारतटीचर से लेकर बैंक तक पूरे देश में निकली 51,665 भर्तियां, 31 दिसंबर से पहले करें अप्लाई

भारतगोवा अग्निकांड पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुख, पीड़ितों के लिए मुआवजे का किया ऐलान