बिलकिस बानो केस: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 11 दोषियों की रिहाई का मामला, चीफ जस्टिस बोले- हम करेंगे विचार

By विनीत कुमार | Published: August 23, 2022 12:26 PM2022-08-23T12:26:58+5:302022-08-23T12:46:32+5:30

गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप की शिकार हुईं बिलकिस बानो के दोषियों की जेल से रिहाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। अदालत ने इस मामले पर विचार करने की बात कही है।

Bilkis Bano Case: Supreme Court says will consider plea against 11 convicts' release | बिलकिस बानो केस: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 11 दोषियों की रिहाई का मामला, चीफ जस्टिस बोले- हम करेंगे विचार

बिलकिस बानो केस: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 11 दोषियों की रिहाई का मामला

Highlightsबिलकिस बानो केस में 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका।चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर विचार करने का दिया भरोसा।इस केस में सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत माफी देते हुए 15 अगस्त को कर दिया था रिहा।

नई दिल्ली: गुजरात के बिलकिस बानो केस में 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुनवाई के लिए दी गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने की बात कही है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, सीपीआई (एम) पोलितब्यूरो सदस्य सुभाषिणी अली और अन्य याचिकाकर्ता की ओर से दायर पीआईएल पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये बात कही। 

चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (सुभाषिणी अली की ओर से), अभिषेक सिंघवी (महुआ मोइत्रा की ओर से), और वकील अपर्णा भट की दलीलों को सुनते हुए मामले पर विचार करने की बात कही।

2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान बिल्कीस बानो से सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले के दोषी सभी 11 लोगों को भाजपा नीत गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत माफी दे दी थी, जिसके बाद 15 अगस्त को उन्हें गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया। हालांकि इस फैसले पर विवाद शुरू हो गया था। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर सवाल उठाए थे।

मुंबई में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को बिल्कीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या करने के मामले में 21 जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने भी इस फैसले को बरकरार रखा था।

बिलकिस बानों के साथ जब गैंगरेप की घटना हुई, उस समय वे पांच महीने की गर्भवती थीं। उस घटना के दौरान उनकी तीन साल की बेटी सालेहा भी भीड़ द्वारा मारे गए 14 लोगों में शामिल थी। ये घटना दाहोद में तीन मार्च 2002 को हुई थी। ये हिंसा गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस पर हमले के बाद भड़की थी। गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगियों में आग लगा दी गई थी जिसमें 59 यात्री मारे गए थे। इसमें मुख्य रूप से 'कार सेवकों' की जान गई थी।

गुजरात सरकार के फैसले के बाद बिल्कीस बानो ने कहा था कि उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई से न्याय पर उनका भरोसा डिग गया है। बिल्कीस बानो ने गुजरात सरकार से ‘इस फैसले को वापस लेने’ और ‘बिना डर और शांति से जीवन जीने’ का उनका अधिकार लौटाने की अपील की थी।

Web Title: Bilkis Bano Case: Supreme Court says will consider plea against 11 convicts' release

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