बिलकिस बानो केस: सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए विशेष बेंच का गठन करने को तैयार, दोषियों की रिहाई से जुड़ा है मामला

By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 22, 2023 04:37 PM2023-03-22T16:37:41+5:302023-03-22T16:39:53+5:30

दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन पिछले साल गुजरात सरकार ने सजा माफी की नीति के तहत इन्हें रिहा कर दिया था। बिलकीस बानो ने फैसले की समीक्षा के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में इसे खारिज कर दिया था। अब गुजरात सरकार के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने एक विशेष पीठ गठित करने पर सहमति जताई है।

Bilkis Bano case: Supreme Court ready to set upspecial bench for hearing | बिलकिस बानो केस: सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए विशेष बेंच का गठन करने को तैयार, दोषियों की रिहाई से जुड़ा है मामला

बिलकिस और उसकी तीन साल की बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था

Highlightsबिलकिस बानो केस में दोषियों को झटकासुनवाई के लिए अलग बेंच बनाने को तैयार सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने एक विशेष पीठ गठित करने पर सहमति जताई

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार, 22 मार्च को कहा कि बिलकिस बानो गैंगरेप और हत्या मामले में 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया जाएगा। सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह बात बिलकिस बानो की ओर से पेश वकील शोभा गुप्ता द्वारा मुख्य न्यायाधीश के संज्ञान में लाए जाने वाले मामलों पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता बताने के बाद कही। 

शीर्ष अदालत में बिलकिस बानो की ओर से पेश वकील शोभा गुप्ता ने न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ को भी बताया कि यह मामला वर्तमान में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी के समक्ष सूचीबद्ध था लेकिन न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। शोभा गुप्ता ने अदालत से इसकी सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ गठित करने का आग्रह किया। जवाब में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने भरोसा दिया कि वह दो जजों की बेंच में सुनवाई की तारीख तय करेंगे। इस मामले से न्यायमूर्ति त्रिवेदी के अलग होने का कोई कारण नहीं बताया गया था। वह 2004 से 2006 तक गुजरात सरकार की कानून सचिव थीं। 

बता दें कि 3 मार्च, 2002 को गुजरात के दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में दंगों के दौरान भीड़ द्वारा बिलकिस और उसकी तीन साल की बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। भीड़ के इस हमले में 14 लोगों की हत्या भी कर दी गई थी। इस मामले में बलात्कार और हत्या के 11 दोषियों को पिछले साल 15 अगस्त को रिहा किया गया था। 

दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन पिछले साल गुजरात सरकार ने सजा माफी की नीति के तहत इन्हें रिहा कर दिया था। रिहा किए गए लोगों में से कुछ 15 साल तो कुछ 18 साल की जेल काट चुके हैं। इस मामले ने राजनीतिक रंग भी लिया और गुजरात चुनावों के दौरान भी इस मुद्दे को खूब उछाला गया। बिलकीस बानो ने फैसले की समीक्षा के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में इसे खारिज कर दिया था। अब  गुजरात सरकार के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने एक विशेष पीठ गठित करने पर सहमति जताई है।

Web Title: Bilkis Bano case: Supreme Court ready to set upspecial bench for hearing

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