Bijnor Seat LS polls 2024: बिजनौर सीट है खास, मायावती, मीरा कुमार और रामविलास पासवान ने यहां से मारी बाजी, जानें गणित और 2024 में क्या है संभावना
By राजेंद्र कुमार | Published: March 20, 2024 12:53 PM2024-03-20T12:53:24+5:302024-03-20T12:54:36+5:30
Bijnor Seat LS polls 2024: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रत्याशी चंदन चौहान, समाजवादी पार्टी (सपा) के यशवीर सिंह लोधी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के चौधरी विजेंद्र सिंह बिजनौर की समस्याओं का निदान कराने का वादा कर रहे हैं.
Bijnor Seat LS polls 2024: महाभारत कालीन राजधानी हस्तिनापुर बिजनौर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है. बिजनौर जिले को महात्मा विदुर की कर्मस्थली भी कहा जाता है. कभी भारत राष्ट्र को संचालित करने वाला हस्तिनापुर आज खुद सरकार की नजर-ए-इनायत का मोहताज है. सरकार किसी दल की रही हो, बिजनौर की कद्र किसी ने नहीं की. यहां की धरती पर महात्मा विदुर की साफ सुथरी नीति को मानने वाले लोग राजनीति के मैदान में हमेशा छले गए. हालांकि दलित और मुस्लिम बाहुल्य बिजनौर की जनता ने निर्दल से लेकर हर राजनीतिक दल के प्रत्याशी को जिताया है, फिर भी किसी ने इस जिले को आधुनिक शहर बनाने में रुचि नहीं दिखाई. हालांकि इस बार चुनाव मैदान में उतरे राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रत्याशी चंदन चौहान, समाजवादी पार्टी (सपा) के यशवीर सिंह लोधी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के चौधरी विजेंद्र सिंह बिजनौर की समस्याओं का निदान कराने का वादा कर रहे हैं. यहां के युवाओं के लिए रोजगार मुहैया कराने के साथ ही सूबे की शिक्षा व्यवस्था को भी बेहतर करने के दावे भी किया जा रहे हैं.
नेताओं के इस दावों पर समूचे बिजनौर में लोग चुप्पी साधे हुए हैं. इस लोकसभा क्षेत्र के लोग किसके साथ खड़े होंगे? इसके लेकर अभी जिले के लोग कुछ भी बोलने के पहले चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के दावों को सुन रहे हैं. जनता के इस रुख के चलते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के इस सीट से पार्टी के प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारने से परहेज किया.
वैसे भी बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा के कुंवर भारतेंदु सिंह चुनाव हार गए थे. जिसके चलते ही भाजपा ने जयंत चौधरी के साथ चुनावी गठबंधन कर बिजनौर सीट रालोद को दे दी. अब इस सीट पर रालोद के सिंबल पर गुर्जर बिरादरी के चंदन चौहान चुनाव लड़ रहे हैं. चंदन मीरापुर विधानसभा सीट से विधायक हैं, जो इसी लोकसभा सीट का हिस्सा है.
चंदन महज 28 साल के हैं और उनके पिता संजय चौहान बिजनौर से सांसद रह चुके हैं. उनके दादा नारायण चौहान यूपी के डिप्टी सीएम रहे हैं. फिलहाल भाजपा और रालोद नेता सामाजिक समीकरणों के साथ ही गैर मुस्लिम ध्रुवीकरण और विपक्ष में वोटों के बिखराव की संभावनाओं पर अपना चुनावी प्रचार यहां कर रहे हैं. जबकि सपा की नजर यहां मुस्लिम वोटों के साथ पिछड़ों को साधने पर है.
सपा प्रत्याशी यशवीर सिंह लोधी इस सीट से वर्ष 2009 में सांसद रहे हैं, अब वह फिर अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं. जबकि बसपा प्रत्याशी चौधरी विजेंद्र सिंह की उम्मीद पाने कोर दलित वोटों के साथ दूसरों को जोड़ने पर टिकी है. विजेंद्र चौधरी भी खुद जाट समाज से आते हैं और मेरठ के बहुत बड़े बिजनेसमैन हैं. उन्हे भरोसा हैं कि बसपा सुप्रीमो मायावती को चुनाव जीतकर संसद में भेजने वाली यहां की जनता उन्हे भी यहां से चुनाव जिताकर संसद में भेजेगी.
बिजनौर में जाति का गणित चुनावी
फिलहाल इस वीआईपी सीट पर बिजनौर को आधुनिक शहर में तब्दील करने के वादे करने वाले रालोद, सपा और बसपा के प्रत्याशियों की जीत-हार का फैसले जाति की गोलबंदी के आधार पर ही होगा. बिजनौर की कुल आबादी 36 लाख से अधिक (36,82,713) है. यहां हिंदू आबादी करीब 55.18% है जबकि मुस्लिम आबादी 43.04% है. हिन्दू समाज में दलित आबादी करीब 22% है.
दलितों के अलावा यहां पर जाट, चौहान और त्यागी भी अच्छी संख्या है. इसी जातीय गणित के आधार पर मायावती, मीरा कुमार,रामविलास पासवान चुनाव जीते थे. बीते चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन से बसपा के मलूक नागर भी चुनाव जीते थे. फिलहाल इस सीट पर रालोद और सपा की बीच सीधा मुक़ाबला हो रहा है. इस मुक़ाबले को बसपा प्रत्याशी के विजेंद्र चौधरी त्रिकोणात्म्क बनाने में जुटे हैं.
बीते लोकसभा चुनाव का रिजल्ट :
मलूक नागर ( बसपा) : 5,56,556
कुंवर भारतेंदु (भाजपा) : 4,86,362
नसीमुद्दीन सिद्दीकी (कांग्रेस) : 25,833