बिहार: जलजमाव ने फीकी की दुर्गा पूजा की रौनक, पटना की स्थिति नारकीय, दिखने लगा डायरिया का प्रकोप
By एस पी सिन्हा | Published: October 6, 2019 01:48 AM2019-10-06T01:48:29+5:302019-10-06T01:50:49+5:30
लोग बीमार होने लगे हैं. कुछ लोगों को बुखार हो रहा है, किसी को डेंगू की शिकायत है तो किसी को खुजली हो रही है. बहुत मुसीबत है, घरों में रहना मुश्किल हो गया है. कुछ लोगों को घर से निकाल दिया गया है, लेकिन परिवार के कुछ सदस्य घर की रखवाली के लिए अंदर रहते हैं. वहीं, कई तरह की बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है.
दुर्गापूजा की गहमागहमी के बीच सप्तमी के दिन मां दुर्गा के पट तो खुल गये है, लेकिन राजधानी पटना सहित बिहार के जलप्लावित इलाकों से रौनक गायब है. हालात ये हैं कि राजधानी पटना में जलजमाव से अब तक कई मोहल्लों के लोगों को राहत नहीं मिली है. जिसके कारण शहर में दुर्गापूजा की रौनक दिखाई नही दे रही है. खासकर जलजमाव वाले इलाकों में. हालांकि शहर में जलनिकासी के साथ-साथ राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. लेकिन अभी इसमें एक हफ्ते का वक्त लग सकता है.
वहीं, जलजमाव से गुस्साये दानापुर के गोला रोड टी प्वाइंट पर लोगों का आक्रोश फूट पड़ा. लोग सड़कों पर आ गये और सड़क को जाम कर दिया. लोग इतने आक्रोशित थे कि सड़क पर टायर जला कर नारेबाजी करने लगे. इधर, राजेंद्र नगर में अब भी करीब चार फीट तक पानी है. जलजमाव के कारण कुछ इलाकों में डायरिया का प्रकोप दिखने लगा है. कंकडबाग में पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंप्लेक्स के सामने झोपड़ियों में रह रहे लोग डायरिया की चपेट में आ गये हैं. जलजमाव के आठ दिन बीत गये हैं. अब यह इलाका संक्रमण का अड्डा बन गया है. लोग बीमार हो रहे हैं. खिड़की खोलने पर ताजी हवा की जगह बदबू का एहसास हो रहा है और मच्छर धावा बोल रहे हैं. बारिश का पानी नाले के पानी से मिल गया है. कुछ भी अच्छा नहीं है, बस दुर्गंध ही दुर्गंध. ऐसे में लोगों का कहना है कि हद हो गई है, पता नहीं कब तक प्रशासन पानी निकलवा पायेगा. पानी कम हुआ है, लेकिन इतना भी कम नहीं कि लोग अच्छे से रह सके.
हालात ये हो गये हैं कि लोग बीमार होने लगे हैं. कुछ लोगों को बुखार हो रहा है, किसी को डेंगू की शिकायत है तो किसी को खुजली हो रही है. बहुत मुसीबत है, घरों में रहना मुश्किल हो गया है. कुछ लोगों को घर से निकाल दिया गया है, लेकिन परिवार के कुछ सदस्य घर की रखवाली के लिए अंदर रहते हैं. वहीं, कई तरह की बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है. लोगों का कहना है कि ब्लिचिंग पाउडर का छिड़काव हो रहा है. लेकिन जितनी मात्रा में छिड़काव होनी चाहिए, उतनी मात्रा में नहीं हो रही है. पिछले 2 दिनों में डेंगू का कहर काफी बढ़ गया है. अब तक इससे पीड़ित 250 अस्पताल में भर्ती हुए हैं. घर और अपार्टमेंट्स के निचले फ्लैट पानी में डूबे हैं. घरों में पानी घुसने से अपने ही घरों में कैद लोगों का कहना है कि घर में रखे सामान बर्बाद हो गये हैं. सामान की बर्बादी के बाद जलनिकासी के बावजूद पटरी पर जिंदगी को लाने में काफी वक्त लग जायेगा.
उधर, पीड़ित लोगों ने सरकार से मुआवजे की भी मांग की है, ताकि उनकी जिंदगी पटरी पर लौट सके. जलजमाव के पीड़ित लोगों का कहना है कि घर में पानी आने से घर में रखे उनके बेड, सोफे, टीवी, फ्रीज समेत सारे सामान बर्बाद हो चुके हैं. सभी इलाकों से पानी निकलने में अभी एक सप्ताह का वक्त लगेगा. वहीं राजेंद्र नगर, बहादुरपुर और बाजार समिति में पानी में प्लास्टिक तैर रहा है. जिसकी वजह से एनडीआरएफ की बोट को भी राहत कार्य करने में परेशानी हो रही है. राजधानी पटना में संप हाउस के खराब होने के कारण जलनिकासी में समस्या आ रही है. पटना के तीन संप आउस में अब भी दो संप हाउस अब भी खराब हैं. बताया जाता है कि दिनकर गोलंबर के पास तकनीकी कारणों से दो संप हाउस खराब हैं.
इसबीच, जलजमाव प्रभावित मोहल्लों और इलाकों राजेंद्र नगर और कंकडबाग समेत जलजमाव प्रभावित इलाकों में भी जमे पानी में रसायन का छिड़काव किया गया. नगर निगम के मुताबिक, जलजमाव से आ रहे दुर्गंध को दूर करने और बीमारी फैलानेवाले कीड़ों को नष्ट करने के लिए रसायन का छिडकाव किया जा रहा है. वहीं, एनडीआरएफ की टीम के रवाना होने की खबरों के बीच, पटना में एनडीआएफ के अधिकारी ने बताया कि हमारी टीमें अभी तक रवाना नहीं हुई हैं. वे अब भी यहां हैं. घुटने तक पानी होने के कारण नावों का उपयोग नहीं किया जा सकता है. ट्रॉलियों और ट्रैक्टरों का उपयोग सार्वजनिक करने के लिए किया जा रहा है.
जलजमाव से प्रभावित इलाकों के लोग अस्थाई नाव आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं. पटना की पाटलिपुत्रा कॉलोनी में जलजमाव के बीच आने-जाने के लिए लोगों का साधन ट्रैक्टर बना हुआ है. वहीं, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के आवास वाले मोहल्ले राजेंद्रनगर में लोगों ने वाहनों के पहियों के ट्यूब और बांस के सहारे जुगाड के सहारे आवागमन कर रहे हैं. वहीं, प्रशासन का कहना है कि जलनिकासी के तमाम प्रयास किये जा रहे हैं. कई इलाकों में जलस्तर घटा है. इसके बावजूद अब तक पानी का निकास पूरी तरह से नहीं हो पाया है.
उधर, राजधानी पटना से सटे पुनपुन में जलस्तर घटने लगा है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, पुनपुन नदी का जलस्तर श्रीपालपुर में खतरे के निशान से ऊपर था. लेकिन, शनिवार को जलस्तर में कमी देखी जा रही है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर फतुहा में पुनपुन नदी के जलस्तर से छह इंच ऊपर है. हालांकि, धीरे-धीरे जलस्तर के नीचे आने की संभावना है. वहीं, पुनपुन में रेल गार्डर तक पानी पहुंचने के कारण पटना-गया रेल रूट पर रेल परिचालन रोक दिया गया है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर में कमी आने के बाद निरीक्षण कर रेल परिचालन शुरू कर दिया जायेगा.
वहीं, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने दावा किया है कि पटना में महामारी फैलने की संभावना नहीं है. दुर्गापूजा के मौके पर राजधानी के पंडालों में हेल्थ कैंप लगाये जायेंगे. राजधानी में जलमाव को लेकर खास पहल की जा रही है. प्रभावित इलाकों और मोहल्लों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है. पेयजल को लेकर भी जागरूकता अभियान जारी है. सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की छुट्टी रद्द कर दी गई है.