सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में वामदलों के द्वारा कराया गया भारत बंद का मिलाजुला असर बिहार के कई जिलों में देखने को मिला. बंद को लेकर वामदलों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और कई जगहों पर सड़क जाम कर नारेबाजी प्रदर्शन किया. बंद के दौरान बिहार में कई जिलों में बंद समर्थकों ने पत्थरबाजी की है तो वहीं सीतामढ़ी-बेतिया में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प में आठ लोग जख्मी हो गए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बेतिया शहर के मीना बाजार में दोपहर के बाद बंद समर्थक और दुकानदारों के बीच हिंसक झड़प हो गई. दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी हुई. सूचना मिलते ही डीएम डॉ नीलेश रामचंद्र देवरे, एसपी निताशा गुडिया समेत कई अधिकारी मीना बाजार में पहुंचे. डीएम और एसपी ने स्वयं लाठी भांजी. इसके बाद उपद्रवी इधर उधर भाग गये. बाजार में लाखों की क्षति हुई है.
वहीं सीतामढ़ी जिले के बोखडा प्रखंड अंतर्गत भाउर इलाके में भारत बंद के दौरान बंद के समर्थन व विपक्ष में दो गुटों में हिंसक झड़प हुई. दोनों तरफ से मारपीट में आठ लोग जख्मी हुए हैं. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हालात बिगड़ता देख कई थानों की पुलिस को मौके पर बुला लिया गया. इस घटना के बाद दूसरे इलाकों में भी पुलिस ने गश्त बढ़ा दी.
उधर, सीवान जिले के हुसैनगंज के हथौडा में एनआरसी, सीएए और एनपीआर के विरोध में सड़क जाम कर प्रदर्शन करने के दौरान दो पक्षों में विवाद के बाद कुछ देर के लिए पत्थरबाजी की गई. घटना की सूचना पर मुख्यालय से काफी संख्या में पुलिस बल के साथ एसडीओ और एसडीपीओ मौके पर पहुंचे. वहीं, शहर के बबुनिया मोड़ समीप ललन काम्प्लेक्स में बंद का विरोध करने पर पथराव किया गया. वहीं, राजधानी पटना में भी वामपंथी दल के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई. पुलिस को कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करना पड़ा.
पटना में बंद के समर्थन में जाप अध्यक्ष पप्पू यादव और हम अध्यक्ष जीतनराम मांझी भी सड़क पर उतरे और समर्थकों संग नारेबाजी प्रदर्शन किया. बंद समर्थकों द्वारा राजधानी के अशोक राजपथ स्थित पटना मार्केट की गाड़ियों के शीशे भी तोड़े गये. डाकबंगला चौराहे पर पप्पू यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा किस-किस को गोली मारोगे. बता दें कि वामदलों के आज के भारत बंद को 34 अन्य पार्टियों ने भी समर्थन दिया था. बंद को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. बिहार के अन्य इलाकों में भारत बंद में शामिल पार्टियों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया.