Bihar Assembly Winter Session: राबड़ी देवी और दिलीप जायसवाल की बीच मुलाकात?, बेहद ही खास तस्वीर, सोशल मीडिया पर वायरल
By एस पी सिन्हा | Updated: November 27, 2024 18:17 IST2024-11-27T18:17:07+5:302024-11-27T18:17:46+5:30
Bihar Vidhan Sabha Winter Session Live: विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होने से पहले राजद के तमाम विधान पार्षदों ने राबड़ी देवी के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

राबड़ी देवी ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के कंधे पर हाथ रखकर हाल पूछा।
पटनाः बिहार विधान परिषद कार्यवाही शुरू होने से पहले आज पोर्टिको में बड़ी ही दिलचस्प तस्वीर देखने को मिला। दरअसल, विधान परिषद के परिसर में पूर्व मुख्यमंत्री एवं परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिलीप जायसवाल के बीच मुलाकात की बेहद ही खास तस्वीर देखने को मिली। इस मुलाकात की तस्वीरें देख वहां मौजूद लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ गई। परिषद की कार्यवाही शुरू होने से पहले राबड़ी देवी ने दिलीप जायसवाल से आत्मीयता के साथ उनका हालचाल पूछा। दरअसल, विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होने से पहले राजद के तमाम विधान पार्षदों ने राबड़ी देवी के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद राबड़ी देवी मीडिया से बात करने आगे निकल गईं।
ठीक उसी समय भाजपा के तमाम विधान पार्षद पोर्टिको पहुंच गए और पीएम मोदी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। चंद मिनटों में राजद और भाजपा के विधान पार्षद आमने सामने हो गए। उस समय तस्वीर दिलचस्प दिखाई पड़ी जब राबड़ी देवी ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के कंधे पर हाथ रखकर हाल पूछा।
राबड़ी देवी ने मुस्कुराते हुए दिलीप जायसवाल से कहा कि क्या हाल है? जवाब में दिलीप जायसवाल भी हाथ जोड़कर मुस्कुराते हुए दिखे और राबड़ी देवी को धन्यवाद देते हुए प्रणाम किया। इस दौरान भाजपा और राजद के सभी विधान पार्षद नहीं एक दूसरे से मुस्कुराकर मिलते हुए दिखाई पड़े। वहीं सदन के भीतर भी राजद और भाजपा के बीच सौहार्द का माहौल बन गया।
फिलहाल इस मुलाकात ने यह दिखाया कि राजनीति में मतभेद होने के बावजूद व्यक्तिगत संबंधों और सम्मान का स्थान बना रहता है। विधानमंडल परिसर में इस छोटी-सी घटना ने सियासी माहौल को कुछ समय के लिए हल्का और सकारात्मक बना दिया।
बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी ने उठाई अलग मिथिला राज्य बनाने की मांग
बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बुधवार को मैथिलि भाषियों के लिए अलग मिथिला राज्य बनाने की मांग की। दरअसल, विधान परिषद में भाजपा विधान पार्षद हरी सहनी ने सदन में मिथिला क्षेत्र को केंद्र की मोदी सरकार से बड़ी सौगात मिलने की बात कही। इस दौरान उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जब वह पीएम थे तभी मैथिलि भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था। इसके बाद अब नरेंद्र मोदी ने मैथिलि में संविधान आया है। यह मिथिला का बड़ा सम्मान है।
इसके बाद राबड़ी देवी ने सदन में बिहार को तोड़कर अलग मिथिलांचल राज्य बनाने की मांग कर दी। उन्होंने सदन में कहा कि वह लोग मोदी जी को बधाई दे रहे थे कि मैथिली भाषा शामिल हुआ है। ठीक है हम भी खुश हैं। शामिल होना चाहिए, लेकिन मिथिला राज्य बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को इस मुद्दे पर कदम उठाना चाहिए।
भाजपा के लोगों को इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करनी चाहिए। वहीं, सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए राबड़ी देवी ने यह बात दोहराई। उन्होंने कहा कि हमने कहा ही है कि मिलजुल कर मिथिला राज्य बना लेना चाहिए। राबड़ी ने अपनी बातों को दोहराते हुए केंद्र की मोदी, बिहार की नीतीश और भाजपा पर तंज कसा है।
बता दें कि मैथिलि भाषी कई जिलों को मिलाकर बिहार से अलग मिथिला राज्य बनाने की मांग पिछले लंबे अरसे से कुछ संगठनों द्वारा की जाती रही है। इस बीच अब राबड़ी देवी ने अपने अंदाज में मिथिला राज्य की मांग को अपनी आवाज दी है। हालांकि, उन्होंने यह मांग तंज वाले अंदाज में किया है। वह भी इस वजह से ही आज सदन के अंदर मैथली को लेकर मुद्दा उठाया गया।
मिथिला क्षेत्र उत्तर बिहार का इलाका है, जहां मैथिली भाषा बोली जाती है। यहां के लोग लंबे समय से मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं। इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाए तो मिथिला राज्य की मांग पहली बार 1912 में की गई थी। इसके बाद 1921 में महाराजा रामेश्वर सिंह के द्वारा मांग की गई, लेकिन पहली बार मिथिला राज्य के लिए आंदोलन 1952 में हुआ।
जिसके बाद से ये मामला बार-बार तूल पकड़ रहा है। करीब दो साल पहले मिथिला स्टूडेंट यूनियन (एमएसयू) के नेतृत्व में दिल्ली के जंतर-मंतर पर इस मांग को लेकर आंदोलन किया गया था। यह पहली बार था जब मिथिलांचल राज्य के आंदोलन में दिल्ली में इतना बड़ा आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन में आम आदमी पार्टी के विधायक ऋतुराज झा और पूर्व सांसद महाबल मिश्रा भी शामिल हुए थे।
मैथिली भाषी लोगों की संख्याबल की बात की जाय तो 7 करोड़ से अधिक लोगों का अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। मैथली भाषा भी संविधान के अष्टम अनुसूची में दर्ज है। वहीं मिथिलांचल वासियों का कहना है कि कोई भी सरकार की ओर से योजना-परियोजना आती है तो उसको मगध में दे दिया जाता है। मिथिलांचल में जो विकास के काम होने चाहिए, वह भी नहीं हो रहा है।
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर बिहार विधानसभा में विपक्ष के विधायकों ने किया जमकर हंगामा
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज तीसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रश्नोत्तर काल के दौरान कार्य स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर चर्चा की मांग की गई। राजद, कांग्रेस और वाम दलों के विधायकों ने इसे अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से स्पष्ट रुख की मांग की।
लेकिन विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने इस विषय पर चर्चा से इंकार कर दिया। उसके बाद विपक्ष के विधायक सदन के अंदर हंगामा करने लगे। दरअसल, विपक्ष के विधायकों की तरफ दे दिए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव में जो बातें कही गई हैं, वह बिहार से जुड़ा हुआ नहीं है।
इसलिए इस विषय पर चर्चा नहीं होगी। इसके बाद विपक्ष के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और इस पर चर्चा की मांग करने लगे। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसको लेकर साफ इनकार किया और नियमावली का भी हवाला दिया। उसके बाद भी विपक्ष के विधायक शांत नहीं हुई तो स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। इससे पहले भी सदन की कार्यवाही से पहले विधानसभा परिसर में बैनर-पोस्टर लेकर महागठबंधन के विधायकों ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। राजद विधायक व मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम साहिन ने कहा कि यह विधेयक केंद्र सरकार वापस ले।
नीतीश कुमार इस पर चुप्पी तोड़ें। विधानसभा से खिलाफ में प्रस्ताव पारित करें। वक्फ की संपत्ति केंद्र सरकार हड़पना चाहती है। उधर, भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि महागठबंधन तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा है। लैंड जिहाद वक्फ बोर्ड के नाम पर किया जाता है। नीतीश कुमार समेत सभी एनडीए दल संसद में इसका समर्थन करेंगे। कांग्रेस के विधायक आज बिहार शीतकालीन सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा पोटिको में जोरदार हंगामा किया।

