Bihar Vidhan Parishad Election 2024: बिहार विधान परिषद में 11 सदस्यों का कार्यकाल मई के पहले सप्ताह में पूरा हो रहा है। ऐसे में परिषद की रिक्त होने वाली इन सीटों पर चुनाव के लिए चुनाव की घोषणा कर दी गई है। विधान परिषद के 11 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए 4 मार्च को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। 11 मार्च तक नामांकन की आखिरी तारीख होगी। वहीं, 12 मार्च नामांकन की जांच की जाएगी और 14 मार्च को नामांकन वापस लिए जाएंगे। इसके लिए 21 मार्च को मतदान होगा और उसी दिन शाम में ही परिणाम की घोषणा की जाएगी। विधान परिषद के जिन 11 सदस्यों का कार्यकाल मई 2024 के पहले सप्ताह में खत्म हो रहा है, उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन, जदयू नेता व पूर्व मंत्री संजय कुमार झा, कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा, हम नेता संतोष कुमार सुमन, भाजपा नेता मंगल पांडेय, राजद नेता रामचंद्र पूर्वे, जदयू नेता खालिद अनवर व रामेश्वर महतो और भाजपा नेता संजय पासवान शामिल हैं।
बता दें कि बिहार की राजनीति के नये समीकरण में विधानसभा की संख्या बल के आधार पर एनडीए के पांच उम्मीदवार का जीतना तय माना जा रहा है। छठे सदस्य की जीत के लिए अतिरिक्त मत जुटाने होंगे। जानकारों के मुताबिक एक उम्मीदवार की जीत के लिए 22 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। ऐसे में एनडीए के पास भाजपा के 78, जदयू के 45 और हम के 4 और 1 निर्दलीय विधायक के वोट हैं।
दूसरी तरफ महागठबंधन में राजद के 79 विधायकों की बदौलत 3 सीट पर जीत दर्ज कर सकती है। वहीं, कांग्रेस के 19 और राजद के बाकी वोट के आधार पर चयन 2 सीटों के लिए होगा। लेकिन वर्तमान में राजद के तीन विधायक पाला बदल चुके हैं। इसके अलावा वामदलों के विधायकों की संख्या 15 रह गई है।
इसका कारण यह है कि भाकपा-माले के एक विधायक की सदस्यता समाप्त हो गई है। इस तरह विधायकों के अंकगणित के आधार पर तीन सीटें भाजपा आसानी से जीत लेगी और जदयू की दो सीटें निकल आयेगी। इनमें एक सीट पर मुख्यमंत्री का निर्वाचन होगा। दूसरी सीट पर जदयू के ही किसी दिग्गज को भेजा जायेगा।
वहीं, नयी सरकार में हम पार्टी के एक संतोष कुमार सुमन मंत्री बनाए गए हैं। संतोष कुमार सुमन पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे हैं। अभी वह विधान परिषद के सदस्य हैं, लेकिन उनका कार्यकाल भी मई में पूरा हो रहा है। लिहाजा मंत्रिमंडल में बने रहने के लिए उन्हें विधान परिषद या विधानसभा की सदस्यता ग्रहण करनी होगी।
विधान परिषद के लिए हम को अपने चार विधायकों के अलावा भाजपा और जदयू के बाकी वोटों की दरकार होग। इसके बावजूद जीत के लिए अतिरिक्त मतों की जरूरत होगी। विधान परिषद में कुल 75 सीटें हैं। इसमें विधानसभा सदस्यों द्वारा 27 जनप्रतिनिधियों का चुनाव किया जाता है, विधान परिषद की एक-तिहाई सीटें हर दो साल के बाद रिक्त होती है, जिस पर मतदान कराया जाता है।