बिहार में भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया में गंगा-जमुनी तहजीब भी जीवंत हो रही है, जहां मां दुर्गा की पूजा व आराधना में न केवल सनातन धर्मावलंबियों द्वारा की जा रही हैं, बल्कि इसके आयोजन में मजहबी दीवार से अलग हटकर मुस्लिम युवक भी इसमें अपनी जमक भागीदारी निभा रहे हैं. 1975 से बोधगया मठ परिसर के बाहर व नगर पंचायत कार्यालय के समक्ष फोका फंड दुर्गापूजा कमेटी द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. बताया जाता है कि इसमें आसपास के दुकानदारों सहित अन्य का भी सहयोग रहता है. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से इसके आयोजन में दुकानदारों में शामिल मुस्लिम युवक भी इसमें अपनी भागीदारी निभाने से पीछे नहीं रह रहे हैं.
पूजा की तैयारी से लेकर पंडाल निर्माण, साज-सज्जा व व्यवस्था तक की जिम्मेदारी में कंधे-कंधे मिला कर मुसलिम युवक अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. यह किसी दिखावे से दूर समर्पण व श्रद्धा भाव के साथ सहयोग करने में जुटे हैं.
बकरौर गांव के मूर्तिकारों द्वारा तैयार की गई मूर्तियों की सजावट से लेकर प्रसाद वितरण तक के कार्यों में इनकी भूमिका बराबरी की है. कमेटी के सदस्य पवन कुमार, दुर्गा गुप्ता, बंटी कुमार, शत्रुघ्न शर्मा, चिंटू सिंह, अनिल शर्मा, संजीव गुप्ता के साथ ही मोहम्मद इम्तियाज आलम उर्फ लाल बाबू, मोहम्मद परवेज, मोहम्मद शमशाद सहित अन्य की भी इसमें सक्रिय भागीदारी है.
आयोजन में मुस्लिम युवकों की सक्रिय भूमिका व उनका विशेष योगदान देखकर सभी भौंचक हैं. यहां आने वाले दर्शनार्थी इनके सेवाभाव को देखकर यही कहते हैं कि ऐसा अगर सभी जगह हो तो नफरत की दीवार हीं न रहे.