पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में क्वारंटाइन किए गए 160 प्रवासी मजदूर में से आज 3 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पुष्टि के बाद यहां रह रहे मजदूरों ने सभी के कोरोना जांच व सेनेटाइजेशन की मांग को लेकर हंगामा किया। स्थानीय बीडीओ ने कहा कि कोरोना संक्रमितों के साथ रहने वाले लोगों को अलग कर दिया गया है।
बता दें कि बिहार के 38 में से 37 जिले कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अब राज्य का केवल जमुई जिला ही इस महामारी से बचा है। बताया जा रहा है कि आप्रवासियों के साथ राज्य में कोरोना के नए मामलों में वृद्धि हुई है। रविवार को खबर लिखने तक 42 नए मामलों के मिलने से हड़कंप मच गया है। इसके साथ राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 653 हो गई है। जबकि, अब तक कुल 330 संक्रमितों ने कोरोना को पराजित करने में सफलता हासिल की है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण के 11 नए मामले बेगुसराय, सात-सात मामले सहरसा और मधेपुरा से, दरभंगा से दो और खगड़िया एवं अररिया जिले से एक-एक मामला सामने आया है। इसके अलावा भी कई जिलों से संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
कुमार ने यह भी बताया कि इनमें से सात नाबालिग हैं और कहा, “हम संक्रमण कहां से फैला है, इसका पता लगा रहे हैं। ये कल के परिणाम हैं जो देर रात प्राप्त हुए हैं।” जमुई को छोड़कर राज्य के सभी 37 जिलों से कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं।
राज्य में 300 से अधिक लोग अब भी संक्रमण की चपेट में हैं। कुल मिलाकर 318 लोग अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। बिहार में कोविड-19 से पांच लोगों की मौत हुई है। रोहतास, मुंगेर, वैशाली, पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी जिलों में एक-एक व्यक्ति की वायरस से मौत हुई है। राज्य में संक्रमण के सबसे ज्यादा 102 मामले मुंगेर से सामने आए हैं। इसके बाद रोहतास से 59, बक्सर से 56 और पटना से 52 मामले हैं। राज्य में अब तक कुल 32,767 नमूनों का परीक्षण किया गया है।