पटना:बिहार में सत्तारूढ़ दल भाजपा और जदयू नेताओं के बीच जारी जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान देखने को मिल ही जा रही है। पटना के फुलवारी शरीफ से देश विरोध गतिविधियों में पकड़े गए संदिग्धों से पूछताछ में कई नई जानकारियां सामने आने के बाद भाजपा और जदयू एक बार फिर से आमने-सामने है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बयान के बाद जदयू कोटे के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि बिहार के लोगों को किसी तरह की समस्या नहीं है। जो कानून हाथ में लेगा उसपर कार्रवाई होगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा है कि आतंकियों का कनेक्शन बिहार से निकल रहा है। जितनी भी आतंकी घटनाएं हो रही हैं, उसमें बिहार का कनेक्शन सामने आ रहा है। इसका मतलब है कि बिहार में स्लीपर सेल अच्छी संख्या में मौजूद हैं और इस स्लीपर सेल को निश्चित तौर पर प्रशसान ब्रेक करेगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान के बाद जदयू कोटे से मंत्री श्रवण कुमार ने सफाई देते हुए कहा है कि जो गलती करेगा उसपर कार्रवाई होगी। अभी मामले की जांच चल रही है। जो भी इसमें दोषी होंगे, वे किसी हाल में बचेंगे नहीं, चाहे वो मौलवी हो या पंडित। कुछ लोग हैं जो कानून को हाथ में लेते हैं। उनपर सरकार कार्रवाई करेगी।
इस तरह से दोनों ओर से जारी बयानबाजी पर जदयू कोटे से मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा है कि बिहार एनडीए में अब पहले जैसी बात नहीं रही। उन्होंने कहा कि गठबंधन में रहते हुए एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करना कहीं से भी सही नहीं है। भाजपा के लोगों को बोलने की बीमारी है, अनाप-शनाप बयान देते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि गठबंधन में आपस में बैठकर निर्णय लेना चाहिए। बिजेंद्र यादव ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप का काम विपक्ष का है। ये परंपरा अच्छी शुरूआत नहीं है। कोई भी मामला हो तो सत्ताधारी दल के पार्टी अध्यक्ष हों या पदाधिकारी उनको मुख्यमंत्री के साथ बैठकर तय करना चाहिए कि क्या हो सकता है? क्योंकि सरकार में उनकी भी हिस्सेदारी है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी भी मामले को लेकर गठबंधन में कोई बात हो तो उसे बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि पहले गठबंधन में एक मर्यादा थी, लेकिन अब उसमें कमी दिख रही है। मंत्री बिजेन्द्र यादव ने कहा कि एनडीए में को-ऑर्डिनेशन कमिटि बनाई जानी चाहिए ताकि गठबंधन के दलों के बीच आपसी समन्वय बढ़ सके।
उन्होंने कहा कि पहले तो केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर को-ऑर्डिनेशन कमिटि हुआ करती थी, लेकिन अब तो दिल्ली में भी नहीं है। आप बाहर किसको सुना रहे हैं? आपस में बैठकर ही समस्या का हल हो सकता है।