बिहार: महागठबंधन सरकार को सहयोगी भाकपा-माले ने लगाई लताड़, कहा- "जनता के भरोसा पर खरा नहीं उतर रही है सरकार"
By एस पी सिन्हा | Published: November 9, 2022 07:45 PM2022-11-09T19:45:50+5:302022-11-09T19:51:40+5:30
बिहार में महागठबंधन की सहयोगी माले ने कहा कि नीतीश-तेजस्वी की सरकार जनता से किये गये वादे को पूरा नहीं कर रही है। जिसके कारण लोगों की नाराजगी बढ़ रही है।
पटना: बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के अभी तीन महीने ही बीते हैं कि नीतीश सरकार को समर्थन दे रही वामपंथी पार्टी भाकपा-माले ने सरकार को आइना दिखा दिया है। माले ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार जनता से किये गये वादे को पूरा नहीं कर रही है। जिसके कारण लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। पार्टी का कहना है कि विधानसभा की दो सीटों पर हुए उप चुनाव में भी जनता की नाराजगी सामने आई है।
पटना में भाकपा- माले के पोलित ब्यूरो की दो दिनों तक बैठक के बाद पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार में बनी महागठबंधन की सरकार जनता की उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार से लोगों में एक नई उम्मीद जगी थी लेकिन सरकार आम लोगों को लगातार निराश ही कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने नौकरी की बात की थी। लेकिन सूबे में शिक्षकों की बहाली पर अब तक किसी भी प्रकार की कोशिश नहीं होना बेहद चिंताजनक है। इससे बिहार के युवाओं में आक्रोश पनप रहा है।
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन की सरकार नें पुलिस का आमलोगों पर दमन बदस्तूर जारी है। सरकार ने बार-बार कहा कि बिना वैकल्पिक आवास की व्यवस्था किए गरीबों को नहीं उजाड़ा जायेगा। लेकिन ऐसे बयानों के बावजूद जगह-जगह गरीबों की झोपड़ियां पर बुलडोजर चलाये जा रहे हैं।
माले नेता ने कहा कि बिहार विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में भी जनता की नाराजगी दिखी है। महागठबंधन सरकार को इसके प्रति गंभीरता दिखलानी चाहिए और जनता से किए वादों को पूरा करने के लिए ठोस कोशिश करनी होगी। नहीं तो जनता का मोहभंग होने में देर नहीं लगता। उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा में माले विधायकों की संख्या 12 है और वह सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है।