बिहार: फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र और प्रशिक्षण प्रमाण के आधार पर शिक्षकों के फोल्डर गायब होने की चर्चा, पटना हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश

By एस पी सिन्हा | Updated: December 16, 2020 20:27 IST2020-12-16T20:24:32+5:302020-12-16T20:27:27+5:30

प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी के मुताबिक पटना हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में पंचायती राज संस्था के अंतर्गत प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों के नियुक्ति फोल्डर एवं मेधा सूची की जांच निगरानी विभाग द्वारा की जा रही है.

Bihar: teachers folders on basis of fake educational certificates and training certificates, Patna High Court orders inquiry | बिहार: फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र और प्रशिक्षण प्रमाण के आधार पर शिक्षकों के फोल्डर गायब होने की चर्चा, पटना हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश

बिहार: फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र और प्रशिक्षण प्रमाण के आधार पर शिक्षकों के फोल्डर गायब होने की चर्चा, पटना हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश

Highlightsबिहार में संविदा पर नियुक्त नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों और प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों पर संदेहव्यक्त किया आरोप है कि अधिकतर शिक्षक फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र और प्रशिक्षण प्रमाण के आधार पर नियुक्ति पाने में सफल रहे हैं.पटना हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिया है. 

पटना: बिहार में अब फोल्डर और मेघा घोटाला होने की संभावना व्यक्त की जाने लगी है. दरअसल, बिहार में संविदा पर नियुक्त नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों और प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों पर संदेह व्यक्त करते हुए इसकी जांच कराने की मांग की गई है. आरोप है कि अधिकतर शिक्षक फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र और प्रशिक्षण प्रमाण के आधार पर नियुक्ति पाने में सफल रहे हैं. ऐसे में पटना हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिया है. 

पटना हाईकोर्ट के सख्त रूख के बाद अब शिक्षा विभाग की नींद खुली है. यहां बता दें कि निगरानी की जांच में अबतक 25 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों के नियुक्ति संबंधी फोल्डर नियोजन इकाईयों से गायब मिले हैं. इसके लिए जिम्मेवार नियोजन इकाईयों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है. अब पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत 1 लाख 10 हजार 410 नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों और प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों को निगरानी विभाग को सौंपने का आदेश सभी जिलों को दिया है. 

शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पंचायती राज संस्था के तहत प्राथमिक-मध्य विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र निगरानी विभाग को उपलब्ध कराने का अंतिम पत्र दिया है. इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि विभिन्न नियोजन इकाईयों की ओर से अबतक जिन शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों एवं प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों की जांच पूरी नहीं हुई है. 

उनके प्रमाण पत्रों को निगरानी विभाग को 23 दिसंबर तक उपलब्ध कराना अनिवार्य है. सभी नियोजन इकाई के सदस्य सचिव निगरानी विभाग के प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित कर जांच से संबंधित अवशेष फोल्डर एवं मेधा सूची नोडल पदाधिकारी को उपलब्ध कराएं. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार बनाम रंजीत पंडित एवं अन्य में 30 जनवरी 2020 को पारित आदेश से यह तथ्य दृष्टिगत हुआ है की अब तक नियोजन इकाईयों ने 110410 शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र निगरानी को उपलब्ध नहीं कराये हैं. निदेशक ने सभी अधिकारियों को हर हाल में 23 दिसंबर तक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी के मुताबिक पटना हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में पंचायती राज संस्था के अंतर्गत प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों के नियुक्ति फोल्डर एवं मेधा सूची की जांच निगरानी विभाग द्वारा की जा रही है. इसके लिए निगरानी विभाग ने हर जिले में नोडल अफसर तैनात किया है, जिन्हें शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की जिम्मेवारी दी गई है. जांच में तेजी लाने के उद्देश्य से नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. 

यहां बता दें कि 11 दिसंबर को पटना हाईकोर्ट ने सूबे के सरकारी स्कूलों में कथित तौर पर बडे पैमाने पर फर्जी डिग्रियों के आधार पर सेवा में बने शिक्षकों के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से आगामी 9 जनवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया था. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जवाब देने के लिए राज्य सरकार को यह आखिरी मोहलत दी गई. 

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने अदालत को बताया कि राज्य के स्कूलों में बडे पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक नौकरी कर रहे हैं. उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि ऐसे शिक्षकों की संख्या लाख में है. निगरानी विभाग की ओर से कहा गया कि ऐसे अवैध रूप से सरकारी सेवा में बने शिक्षकों के मामले की जांच में बाधा का सामना करना पड़ रहा है.

Web Title: Bihar: teachers folders on basis of fake educational certificates and training certificates, Patna High Court orders inquiry

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