जम्मू कश्मीर के पुलावाम में 14 फरवरी को आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ के जवानों शहीद होने के बाद अलग-अलग राज्यों से राहतराशि देने की घोषणा की गई। बिहार के शेखपुरा जिला अधिकारी इनायत खान ने बिहार में शहीद जवानों को फंड देने के लिए अकाउंट खोलने का आदेश जारी किया है।
इस अकाउंट में 10 मार्च तक शहीद परिवारों के लिए फंड इकठ्ठा किया जाएगा। इसके बाद इस अकाउंट में जमा कुल राशि को शहीद परिवरों में बांट दिया जाएगा। बता दें कि पुलवामा हमले में बिहार के दो सीआरपीएफ के जवान पटना से कॉन्स्टेबल एसके सिन्हा और भागलपुर से आरके ठाकुर आत्मघाती हमले में शहीद हो गए।
एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक शेखपुरा की डीएम इनायत खान ने बताया कि फंड के लिए अकाउंट खोल दिया गया है। इस अकाउंट में 10 मार्च तक लोग पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि 10 मार्च तक जितना पैसा इकठ्ठा होगा उसे दोनों शहीद परिवारों के बीच बांट दिया जाएगा। इतना ही नहीं इनायत ने कहा कि मैं दोनों शहीद परिवारों में से किसी एक परिवार को गोद लेना पसंद करूंगी। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शहीद जवान के परिवारों को 36-36 लाख रुपये की राहत राशि देने का ऐलान किया था।
बिहार के ये जवान हुए शहीद
संजय कुमार सिन्हा, पटना
बिहार के मसौढ़ी के तारेगना मठ मोहल्ला निवासी संजय कुमार सिन्हा (45) सीआरपीएफ के 176 बटालियन में हवलदार थे। वे एक माह की छुट्टी बिताने के बाद आठ फरवरी को ड्यूटी के लिए रवाना हुए थे। संजय अभी कैंप भी नहीं पहुंचे थे कि रास्ते में आतंकी हमले में शहीद हो गए।
रतन ठाकुर, भागलपुर, बिहारबिहार के भागलपुर के रहने वाले रतन ठाकुर भी पुलवामा हमले में शहीद हो गए। रतन के निधन से उनका परिवार गहरे शोक में डूब गया है लेकिन उनका पिता ने मीडिया से कहा कि वो अब भी अपने दूसरे बेटे को देश के लिए कुर्बान करने को तैयार हैं।
रतन ठाकुर के पिता राम निरंजन ठाकुर ने पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश जताते हुए कहा, "मेरा एक बेटा भारत माता की सेवा करते हुए शहीद हो चुका है, मैं अपने दूसरे बेटे को भी भारत माता को समर्पित कर दूंगा, लेकिन पाकिस्तान को इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए। वहां एक बकरी का बच्चा भी जिंदा नहीं रहना चाहिए।" शहीद रतन ठाकुर के पिता ने कहा कि वह खुद भी 'इस आग में कूदने के लिए तैयार' हैं लेकिन पाकिस्तान को सबक जरूर सिखाया जाना चाहिए।