बिहारः रामविलास पासवान के बाद खाली राज्यसभा पर कई दावेदार, चिराग बोले-मां रीना को दे टिकट, 14 दिसंबर को उपचुनाव
By एस पी सिन्हा | Published: November 21, 2020 02:21 PM2020-11-21T14:21:05+5:302020-11-21T14:22:38+5:30
चिराग की हरी झंड़ी मिलने के बाद लोजपा के नेता भाजपा और पीएम मोदी से राज्यसभा की सीट रीना पासवान को देकर रामविलास पासवान को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने की बात कह रहे हैं.
पटनाः पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा की एक सीट के लिए अब नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. रामविलास पासवान के निधन और चिराग पासवान के एनडीए से विद्रोही तेवर को देखते हुए यह सीट भाजपा के कोटे में जाने की संभावना व्यक्त की जाने लगे है.
लेकिन अब यह सीट लोजपा सुप्रीमो अपनी मां और स्व. रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान के लिए मांग रहे हैं. चिराग ने अपने नेताओं से इसकी मांग शुरू करवा दी है. चिराग की हरी झंड़ी मिलने के बाद लोजपा के नेता भाजपा और पीएम मोदी से राज्यसभा की सीट रीना पासवान को देकर रामविलास पासवान को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने की बात कह रहे हैं. एक सीट पर आयोग तैयारी कर चुका है और इस पर 14 दिसंबर को उपचुनाव होगा.
लोक जनशक्ति पार्टी के प्रधान महासचिव डा. शाहनवाज अहमद कैफी ने कहा कि लोजपा के संस्थापक स्व. राम विलास पासवान के निधन के बाद राज्यसभा की जो सीट खाली हुई है वो उनकी धर्मपत्नी को देना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी. 8 अक्टूबर को लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान का निधन हो गया था, जिसके बाद लोजपा के खाते में आई राज्यसभा सीट खाली हो गई है.
लोजपा के प्रधान महासचिव ने प्रधानमंत्री से विनम्र निवेदन किया
लोजपा के प्रधान महासचिव ने प्रधानमंत्री से विनम्र निवेदन करते हुए कहा है कि उक्त खाली सीट से उनकी धर्मपत्नी रीना पासवान को उम्मीदवार बनाते हुए स्व रामविलास पासवान जी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर अपनी दोस्ती को इतिहास के सुनहरे अक्षर से लिखकर अमर कर दें.
वहीं लोजपा प्रवक्ता कृष्णा सिंह कल्लू ने भी स्व. रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा की सीट से उऩकी पत्नी रीना पासवान को भेजने की मांग की है. उऩ्होंने मांग की है कि लोजपा के संस्थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद राज्यसभा की जो सीट खाली हुई है वो उनकी धर्मपत्नी को देना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
यहां उल्लेखनीय है कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा अकेले दम पर चुनाव लड़ रही थी. लोजपा के टिकट पर भाजपा के करीब 50 से अधिक नेता चुनाव लडे़. भाजपा नेताओं को टिकट देकर मैदान में उतारने का सीधा नुकसान जदयू उम्मीदवारों को हुआ. इसका असर यह हुआ कि जदयू जीतने वाली सीट हार गई और संख्या घटकर 43 पर पहुंच गई.
दो दर्जन से अधिक सीटों पर वोट काटकर सीधा नुकसान कर दिया
लोजपा को भले ही एक सीट मिला, लेकिन दो दर्जन से अधिक सीटों पर वोट काटकर सीधा नुकसान कर दिया. इस तरह से एनडीए में अब भाजपा बडे़ भाई की भूमिका में आ गई. भाजपा के 74 विधायक चुनाव जीतकर आये हैं. हालांकि लोजपा के उम्मीदवारों के भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ उतरने से नुकसान भाजपा को भे उठाना पड़ा है.
ऐसे में अब लोजपा के स्थिति एनडीए में क्या होगी यह चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं, चिराग पासवान द्वारा नीतीश कुमार को जेल भेजने की बात कह और जदयू को छोटे भाई की भूमिका में ला खडा करने के बाद नीतीश कुमार किसी कीमत पर अब लोजपा को एनडीए में इंट्री नहीं करने देना चाहते. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार भले ही एनडीए में छोटे भाई की भूमिका में हों, लेकिन यह सर्वविदित है कि वे जो ठान लेते हैं वो करते हैं. वैसे भी रामविलास पासवान सिर्फ भाजपा के सहयोग से नहीं बल्कि जदयू विधायकों के सहयोग से राज्यसभा गए थे.
इसतरह से इस बार भी बिना जदयू के सहयोग से संभव नहीं है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि लोजपा की इस मांग पर भाजपा का क्या रूख होता है? अगर भाजपा ने रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई सीट एक फिर से लोजपा को देती है तो यह बात प्रमाणित हो जाएगी भाजपा ने ही लोजपा को आगे किया था. साथ ही बिहार में एनडीए की सरकार पर भी संकट के बादल मंडराने लगेंगे.