BIHAR Rajya Sabha Elections 2024: बिहार से राज्यसभा चुनाव को लेकर नामांकन की आज अंतिम दिन तक 6 उम्मीदवारों के अलावे किसी अन्य उम्मीदवार के द्वारा नामांकन दाखिल नहीं किए जाने के बाद नामांकन करने वाले सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचित होना लगभग तय हो गया है। 20 फरवरी को नामांकन वापसी के दिन सभी दलों के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिये जायेंगे। अगर कोई सातवां उम्मीदवार होता तो उस स्थिति में मतदान की स्थिति बन सकती थी। लेकिन 6 रिक्त हो रही सीटों पर सिर्फ 6 उम्मीदवारों का ही नामांकन हुआ है। नामांकन करने वालों में भाजपा के भीम सिंह और धर्मशीला गुप्ता हैं। वहीं जदयू ने संजय झा को उम्मीदवार बनाया है। दूसरी ओर महागठबंधन से राजद मनोज झा और संजय यादव ने नामांकन किया है, जबकि कांग्रेस ने डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह को प्रत्याशी बनाया है। इस तरह से 6 रिक्तियों के लिए 6 उम्मीदवार हैं। अब इन सबका निर्वाचन निर्विरोध होना तय है। राज्यसभा चुनाव में जदयू को झटका लगा है।
जिन छह सीटों पर रिक्तियां हो रही थी, उसमें दो सीट जदयू के कब्जे थी। वशिष्ठ नारायण सिंह और अनिल हेगड़े का कार्यकाल पूरा हो रहा है। लेकिन इस बार जदयू के पास सिर्फ एक सीट ही वापस आ रही है। इसका मुख्य कारण जदयू के विधायकों की कम संख्या है। जदयू के सिर्फ 45 विधायक हैं और राज्यसभा की एक सीट के लिए 37 विधायकों के समर्थन की जरूरत रहती है।
ऐसे में पार्टी को सिर्फ एक सीट पर ही सिमट जाना पड़ रहा है। जबकि भाजपा को इस चुनाव में सबसे बड़ा फायदा हो रहा है। रिक्त हो रही सीटों में भाजपा के पास सिर्फ सुशील कुमार मोदी की सीट खाली हो रही है। लेकिन पार्टी ने इस बार सुशील मोदी को राज्यसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया है। भाजपा के भीम सिंह और धर्मशीला गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा के विधायकों की संख्या 78 है। ऐसे में पार्टी के दो उम्मीदवार आसानी से चुनाव जीत रहे हैं। इस तरह सुशील मोदी रिक्त हो रही एक सीट के बदले अब पार्टी को दो सीटों पर जीत मिल रही है। भाजपा को एक तरह से एक सीट का फायदा हो रहा है। वहीं, राज्यसभा सीटों के इस चुनाव में राजद और कांग्रेस अपनी 3 सीटों को बचाने में सफल हो रहे हैं।
राजद के पास दो सीट थी। इस बार भी राजद के मनोज झा और संजय यादव की जीत तय है। कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 विधायकों के समर्थन से कांग्रेस उम्मीदवार अखिलेश सिंह भी लगातार दूसरी बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो जाएंगे। इस तरह जिन तीन सीटों पर राजद-कांग्रेस का कब्जा था उन सीटो पर पार्टी की पकड़ नहीं रहेगी।