पटना: बिहार में हाल के दिनों में अचनाक से अपराध का ग्राफ बढ़ा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे लेकर नाराजगी जताई है और कई उच्चस्तरीय बैठकें भी की हैं. बिहार में लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं से एक ओर जहां पुलिस महकमे पर सवाल खड़े हो रहे हैं वहीं, इस पर सियासत भी गर्म है. पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं. इसी कड़ी में पटना के नौबतपुर थाना क्षेत्र से सात दिनों से गायब व्यवसाई बन्धुओं का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है.
हालांकि, दोनों चावल व्यवसाई के गुमशुदगी मामले पर बोलते हुए पटना एसएसपी ने कहा है कि जल्द ही दोनों चावल व्यवसाई बंधुओं को सकुशल को रिकवर करने की कवायद चल रही है. वहीं, जांच में जुटी एसआईटी के हाथ आखिरी सीसीटीवी फुटेज मिलने के अलावा नया कुछ भी हाथ नहीं लग सका है. सुराग के लिए पुलिस अब मोबाइल का टावर डंप खंगालने में जुट गई है. इसके जरिये पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि घटना के वक्त उस इलाके में कितने मोबाइल नंबर सक्रिय रहे हैं और किन-किन नंबरों पर किससे बात हुई है.
टावर डंप में एक मिनट में हजारों कॉलें मौजूद होती हैं. हालांकि घटना के बाद से ही अपहृत कारोबारी बंधुओं के एक मोबाइल का स्विच ऑफ है, जबकि दूसरा मोबाइल गाड़ी में मिला था जो कि पुलिस के कब्जे में है. वहीं, मार्केट में भारी कर्ज में दबे होने के कारण गायब होने की आशंका के सवाल पर बोलते हुए एसएसपी ने कहा की पब्लिक डोमेन में चल रही बातों पर वह ध्यान नहीं देते. जल्द ही दोनों चावल व्यवसाई बंधुओं को रिकवर कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य दोनों के वासियों को ढूंढना और सकुशल बरामद करना है. जल्द ही मिसिंग हुए दोनों व्यवसाय बंधु सकुशल बरामद कर लिए जाएंगे.
यहां बता दें कि आज पूरे सात दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली है. व्यवसाई बन्धुओं का अबतक कुछ स्पष्ट पता पुलिस को नहीं मिल पाया है. इनके परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. सात दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. अपहृत राकेश कुमार गुप्ता बिहार राज्य राइस मिल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हैं. सात दिन पूर्व वह अपने भाई अमित के साथ पार्टनर से हिसाब करने नौबतपुर गये थे. जहां से दोनों अबतक घर नहीं लौटे हैं. जांच में जुटी पुलिस अबतक कुछ स्पष्ट बताने की हालत में नहीं है. जैसे-जैसे समय गुजर रहा है, पुलिस पर दबाव बढ़ता जा रहा है. इस मामले में परिजन डीजीपी से भी मिल चुके हैं. कारोबारियों के पिता भरत प्रसाद की हालत खराब है. दोनों बेटों के सकुशल घर वापस आने का उन्हें इंतजार है. परिजन नौबतपुर थाने से लेकर पुलिस अफसरों के दरवाजे का चक्कर लगा रहे हैं और पुलिस केवल आश्वासन दे रही है. घटना के बाद से ही पिता बेसुध हैं और परिजन हैरान. रिश्तेदारों का घर पर आना-जाना लगा है
इसबीच, मौजूदा हालात को लेकर एक ओर राजद हमलावर है तों वहीं चिराग पासवान की पार्टी लोजपा, कांग्रेस, पप्पू यादव और उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेता भी राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल दाग रहे हैं. लोजपा के बिहार मीडिया प्रभारी कृष्णा सिंह कल्लू ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर बिहार में राष्ट्रपति शासन का आग्रह किया गया है. उन्होंने बिहार में कानून-व्यवस्था के बदतर हालात व बढ़ते अपराध के आरोप में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए पहल करने को कहा है. बता दें कि लोजपा केंद्र की एनडीए सरकार में सहयोगी पार्टी है. बिहार में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा और अब नीतीश सरकार पर हमेशा निशाना साधती रहती है.
इधर, कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद मिश्रा ने राज्य में बढ़ते अपराधिक घटनाओं को सरकार के लिए चुनौती तथा इसे सरकार की बड़ी विफलता बताते हुए राज्य में पूर्णकालिक गृहमंत्री की मांग की है. कांग्रेस नेता के मुताबिक, पिछले 15 दिनों के अंदर हत्या और लूट की अनगिनत वारदातें कानून-व्यवस्था के लचर होने तथा सरकार की हनक तथा रौब के खत्म होने के पर्याप्त संकेत दे रहे हैं. अपराधियों के ऊपर पुलिस का खौफ बिल्कुल ही खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की अपनी व्यस्तता होती है और ऐसा लगता है कि वे विधि व्यवस्था को लेकर उतना समय नहीं निकाल पाते हैं, जितना उन्हें निकालना चाहिए. उन्होंने सत्तारूढ दलों से आग्रह किया कि बिहार के लोगों के सुरक्षित जनजीवन के लिए तत्काल उन्हें चाहिए कि राज्य को पूर्णकालिक गृह मंत्री दें ताकि कानून व्यवस्था सही हो.