बिहार: नीतीश कुमार के सामने जनता दरबार में खुली सुशासन को पोल, सीएम खुद रह गये भौंचक
By एस पी सिन्हा | Published: May 9, 2022 03:49 PM2022-05-09T15:49:07+5:302022-05-09T15:52:05+5:30
जनता दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के अलग-अलग हिस्सों से आये आम लोगों की शिकायतें सुनीं। इस दौरान उन्होंने कई बार मंत्री और अधिकारियों को फोन लगाकर समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया।
पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार में कई लोगों की शिकायतें सुनकर हैरान रह गए। सुशासन की सरकार में लाख प्रयास के बावजूद शिकायतों का अंबार देखकर मुख्यमंत्री भौंचक रह जाते हैं।
जनता दरबार में नीतीश कुमार ने बिहार के अलग-अलग हिस्सों से आये आम लोगों की शिकायतें सुनीं। इस दौरान उन्होंने कई बार मंत्री और अधिकारियों को फोन लगाकर समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में आज शिक्षा-स्वास्थ्य आंगनबाडी केन्द्रों पर बहाली में गड़बड़ी की बड़ी संख्या में शिकायतें आईं। वैशाली से आई एक महिला ने मुख्यमंत्री से शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उनके पति की मौत कोरोना से हो गई और उसके बाद से वो मुआवजा राशि लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही है, लेकिन कोई भी उसकी फरियादी नहीं सुन रहा है।
महिला ने बाताय कि उसे मुआवजे के तौर पर चार लाख रुपये मिलने हैं लेकिन अब तक मुआवजे की राशि नहीं मिली है। मुख्यमंत्री मुआवजा नहीं मिलने की शिकायत सुन भौंचक्के रह गये।
इसके बाद सीएम नीतीश ने अधिकारी को फोन लगाया और कहा कि वैशाली की एक महिला हमारे सामने है। इसके पति की मौत कोरोना से हो गई है। कागज पर भी इसका उल्लेख है, लेकिन इसे सहायता राशि नहीं मिली है। आप इस मामले को देखिए। इस तरह के कई फरियादियों ने सुशासन की पोल खोलकर रख दी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास आंगनबाड़ी बहाली में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की शिकायत मिली। लगातार कई शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री परेशान हो गए। उन्होंने तुरंत मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को बुलाया। उन्होंने कहा कि लगातार इस तरह की शिकायत मिल रही है। आप लोग बहाली को लेकर विस्तृत समीक्षा करिए। किस तरह से बहाली हो रही समेत अन्य तमाम बिंदू पर विस्तृत समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि कुल 68 शिकायतें समाज कल्याण से संबंधित है। यह सुन मुख्यमंत्री चौंक गये और कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शिकायत आ रही है तो व्यापक स्तर पर देखना होगा। आखिर इतने मामले कैसे आ रहे हैं और कहां गड़बड़ी है? उन्होंने तुरंत नियम में बदलाव करने को कहा।
नीतीश कुमार ने विभाग के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ को आदेश दिया कि यह सब गड़बड़ी पूर्व मुखिया के कार्यकाल में हुई है, इसे देखना होगा।
इसके अलावा जनता दरबार मे ज्यादातर शिकायतें शिक्षा विभाग से जुड़ी आईं। एक छात्र ने बताया कि उसे स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से दो बार लाभ मिला है, लेकिन अब उसे कहा जा रहा है कि सूची में उसका नाम ही नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने सीधे शिक्षा मंत्री को फोन लगवाकर इसकी जांच कराने को कहा। जबकि जनता दरबार में आए एक छात्र ने शिक्षा विभाग का पोल खोलते हुए बताया कि उसका नामांकन राजकीय आईटीआई संस्थान में हुआ है लेकिन जब वह संस्थान में गया तो उसे बताया गया कि वहां पढाने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं। इस पर नीतीश कुमार आश्चर्यचकित रह गए।
उन्होंने इस मामले में भी अधिकारी को फोन लगाया। इस तरह की कई समस्याओं के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री विभाग के कार्यशैली देखकर दंग रह गये। लेकिन अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए कहने के सिवाय किसी पर कोई अनुशानात्मक कार्यवाही का आदेश जारी नहीं कर सके। इस तरह से बिहार में सुशासन बाबू के सामने ही सुशासन की पोल खुलती रही और वह देखते-सुनते रहे।