पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव बीमार रहने के बावजूद तेजस्वी यादव को बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी सियासी गतिविधियों को बढ़ा दिया है। इन दिनों रथ पर सवार होकर विभिन्न इलाकों में जा कर नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उन्हें चुनाव के लिए जगाने में जुटे हुए हैं। शनिवार को उन्होंने छपरा पहुंचकर राजद नेताओं-कार्यकर्ताओं को चुनाव की तैयारी में जुट जाने को कहा। छपरा में लालू यादव के द्वारा के गई बैठक में महागठबंधन के कई नेता इसमें शामिल हुए।
इसके पहले लालू यादव नालंदा जिले का दौरा किया था। उसके पहले रोहतास जिले में भी जाकर नेताओं-कार्यकर्ताओं की पीठ ठोकी थी। इसके साथ ही तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र का भी दौरा कर तेजस्वी के जीत को पक्का करने के लिए कार्यकर्ताओं-नेताओं को मनाने का काम काम कर रहे हैं। ऐसे में बीमारी के बावजूद लालू यादव के द्वारा जनसंपर्क अभियान से कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह भरने लगे हैं। हालांकि अपने दौरे के दौरान लालू यादव मीडिया से बात करने से बचते चल रहे हैं।
इसका कारण यह है कि उन्हें मिली जमानत में बीमारी का कारण दिया गया है। ऐसे में अगर वह सार्वजनिक तौर पर सामने आते हैं तो संभव है कि सीबीआई उनकी जमानत को खारिज कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा दे। बताया जा रहा है लालू यादव बैठकों में बिहार की कानून व्यवस्था और आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी को जोर शोर से प्रचारित करने की सलाह नेताओं-कार्यकर्ताओं को दी जा रही है।
उसके साथ ही तेजस्वी यादव के प्रस्तावित माई बहन मान योजना के तहत ₹2500 प्रतिमाह सम्मान देने के वादे को जनता के बीच प्रसारित कराने, 200 यूनिट बिजली फ्री देने, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांग पेंशन में ₹400 से बढ़कर ₹1500 करने का के प्रस्ताव की बात को भी जनता के बीच कहने को कह रहे हैं। इसके साथ ही घरेलू गैस सिलेंडर को ₹400 दिए जाने की बात भी लालू यादव ने कह रहे हैं।
तेजस्वी यादव के 17 महीने के सरकार का विशेष उल्लेख करते हुए लालू यादव लोगों से कह रहे हैं कि 4,50,000 की नौकरी इस दौरान दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि नियोजित शिक्षकों को भी नियमित शिक्षक के रूप में दर्जा दिया गया। इस तरह इस बार चुनाव में लालू यादव कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए सक्रिय दिख रहे हैं। यही कारण है कि बीमार होने के बावजूद वह विभिन्न इलाकों का दौरा कर सबको एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।