Bihar Politics: लालू यादव के सियासी चक्रव्यूह में फंसे सीएम नीतीश, तेजस्वी को मुख्यमंत्री गद्दी सौंपने की चल रही सियासी चाल!, 1 अणे मार्ग क्यों पहुंचे राजद प्रमुख

By एस पी सिन्हा | Published: August 9, 2023 03:48 PM2023-08-09T15:48:04+5:302023-08-09T15:49:40+5:30

Bihar Politics: राजद प्रमुख लालू यादव ने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री का सपना दिखाया है। 26 दलों के "इंडिया" गठबंधन बन गई है।

Bihar Politics CM Nitish kumar trapped political cycle Lalu Yadav move to hand over Chief Minister's throne Tejashwi yadav Why RJD chief reached 1 Ane Marg | Bihar Politics: लालू यादव के सियासी चक्रव्यूह में फंसे सीएम नीतीश, तेजस्वी को मुख्यमंत्री गद्दी सौंपने की चल रही सियासी चाल!, 1 अणे मार्ग क्यों पहुंचे राजद प्रमुख

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Highlightsनीतीश कुमार की घेराबंदी कर दी है, निकल पाना आसान नहीं होगा।लालू सिंगापुर से इलाज करा कर लौटे हैं पुराने अंदाज में दिख रहे है।अगर नीतीश संयोजक नहीं बने तो तेजस्वी को कुर्सी भी नहीं मिलेगी।

पटनाः बिहार में महागठबंधन के साथ आने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के शरण में आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं। स्थिति है कि राजद से संबंध निभाने के चक्कर में नीतीश से उनके अपने भी नाराज होकर साथ छोड़ते रहे हैं। दरअसल, लालू ने नीतीश को प्रधानमंत्री का सपना दिखाया है।

26 दलों के "इंडिया" गठबंधन बन गई है। गठबंधन बनने के बाद लालू यादव की राजनीति में फंसे नीतीश कुमार अब पीछे नहीं हट सकते। राजनीति के जानकारों की मानें तो लालू यादव ने नीतीश कुमार की इस तरह घेराबंदी कर दी है कि उससे निकल पाना नीतीश के लिए आसान नहीं होगा, जब से लालू सिंगापुर से इलाज करा कर लौटे हैं पुराने अंदाज में दिख रहे है।

विपक्षी एकता के बहाने लालू यादव उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के लिए बिहार की गद्दी सौंपने का अपना दांव नीतीश कुमार पर चल चुके हैं। लालू यादव इन दिनों तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए सक्रियता दिखा रहे हैं। कारण कि लालू को पता है कि नीतीश के फैसलों में भले ही उनकी भूमिका होगी। लेकिन इसका सीधा लाभ तेजस्वी को नहीं मिल रहा है।

ऐसे में लालू यादव जितनी जल्दी हो सके, नीतीश को बिहार से बाहर का रास्ता दिखाने की जुगत में लगे हैं। जानकारों की मानें तो "इंडिया" के दो बैठकों के बावजूद विपक्षी दलों का संयोजक नीतीश कुमार नहीं बन पाए हैं। इसका कारण है कि कांग्रेस नीतीश को संयोजक बनाने के पक्ष में नहीं है।

अगर नीतीश संयोजक नहीं बने तो तेजस्वी को कुर्सी भी नहीं मिलेगी। ऐसे में राहुल से मुलाकात में लालू ने सुझाव दिया है कि समन्वय समिति में दो पद रखें जाएं। एक पद अध्यक्ष का हो और दूसरा पद संयोजक का। इसके बाद संयोजक का पद नीतीश कुमार को दिया जाए।

अगर यह हुआ तो लालू का सपना पूरा होगा और तेजस्वी के हाथ में बिहार की सत्ता होगी। बता दें कि राजद और कांग्रेस का पुराना रिश्ता रहा है। कांग्रेस को राजद ने बिहार में कभी अकेले नहीं छोड़ा। लालू यादव की सक्रियता को महज संयोग नही माना जा सकता।

दरअसल महागठबंधन के साथ नीतीश के आते ही यह तय हुआ था कि वे केंद्र की राजनीति करेंगे और लालू के बेटे तेजस्वी यादव बिहार की सत्ता संभालेंगे। तो नीतीश ने भी  2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ने की बात कह कर अपने लिए वक्त ले लिया।

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