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Bihar Political Crisis Live: सत्तारूढ़ महागठबंधन में संकट, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दूरी, कांग्रेस के कई विधायक सीएम के साथ!, आखिर जानें वो 10 कारण

By सतीश कुमार सिंह | Updated: January 27, 2024 12:39 IST

Bihar Political Crisis Live: बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार के अपना रुख एक बार फिर बदल कर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में वापसी के संकेतों के बीच सत्तारूढ़ महागठबंधन में अनिश्चितता के बादल छाये हुए प्रतीत हो रहे हैं।

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ठळक मुद्देकांग्रेस के कई विधायक नीतीश कुमार के साथ आ सकते हैं।सम्राट चौधरी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए दिल्ली रवाना हो गए। चर्चा है कि नीतीश कुमार आज इस्तीफा दे सकते हैं।

Bihar Political Crisis Live: बिहार में सियासत गर्म है। मौसम भले ही ठंडी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने की अफवाहों के बीच राज्य में एक और राजनीतिक उथल-पुथल मच गई है, यह पिछले दशक में उनका चौथा और इस कार्यकाल में दूसरा कदम है। कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) अपने सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर निकल सकती है और एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो सकती है। चर्चा है कि नीतीश कुमार आज इस्तीफा दे सकते हैं। कांग्रेस के कई विधायक नीतीश कुमार के साथ आ सकते हैं।

जैसे ही बिहार में मौजूदा सरकार के बीच दरार गहरी हुई, सभी दलों ने अपने विधायकों को एकजुट किया और बैठकें कीं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए दिल्ली रवाना हो गए। 

बिहार की राजनीति पर हालिया घटनाक्रम के शीर्ष बिंदु इस प्रकारः

1ः मौजूदा जेडीयू-आरजेडी में दरार है और बिहार के सीएम नीतीश कुमार जल्द ही राज्य में नई सरकार बनाने के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो सकते हैं।

2ः अफवाहों को हवा देते हुएजदयू और राजद दोनों ने गुरुवार रात अलग-अलग बैठकें कीं।

3ः भाजपा के राज्यसभा सदस्य और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजनीति में ‘‘दरवाजे कभी भी स्थायी रूप से बंद नहीं होते।’’

4ः बिहार के मुख्यमंत्री ने हाल के दिनों में अपने विशाल राजनीतिक अनुभव के बावजूद गठबंधन के शीर्ष नेतृत्व में स्थान नहीं मिलने के बाद इंडिया ब्लॉक के प्रति अपना असंतोष व्यक्त किया है।

5ः राजद-जदयू में दरार की अटकलें तब तेज हो गईं, जब राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक एक्स पोस्ट पर कुमार के बारे में कहा कि वह "जैसे हवा अपनी दिशा बदलती है, वैसे ही अपनी विचारधारा बदल रहे हैं"।

6ः राजनीतिक अनिश्चितता को लेकर जारी अटकलों को उस समय और बल मिला जब नीतीश कुमार ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां राजभवन में आयोजित जलपान समारोह में भाग लिया पर उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव इस समारोह में शामिल नहीं हुए।

7ः राजभवन में आयोजित समारोह के दौरान मुख्यमंत्री को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा सहित अन्य आगंतुकों के साथ अभिवादन करते देखा गया। समारोह से बाहर निकलते हुए, कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि यह यादव और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सहित राजद के अन्य नेताओं का काम है कि वे इस पर टिप्पणी करें कि वे (तेजस्वी यादव एवं पार्टी के अन्य नेता) समारोह में क्यों नहीं आये।

8ः राजद की ओर से राज्य के शिक्षा मंत्री आलोक मेहता उपस्थित थे। हालांकि न तो मेहता और न ही राजद के किसी अन्य नेता ने यादव की अनुपस्थिति पर कोई टिप्पणी की। बताया जाता है कि तेजस्वी यादव ने कुमार के गठबंधन तोड़ने का फैसला करने की स्थिति में सत्ता जाने से रोकने की रणनीति बनाने के लिए अपने आवास पर पार्टी के करीबी नेताओं के साथ बैठक की।

9ः राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार इन अफवाहों के बीच स्थिति स्पष्ट करेंगे कि क्या वह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापस जाने की योजना बना रहे हैं। झा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर राज्य में जद(यू) के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘हमारे नेता महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री आवास में हैं। भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। लेकिन अगर कुछ लोग अभी भी भ्रम में हैं तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।’’

10ः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा बिहार के घटनाक्रम पर बैठकें कर रहे हैं। भाजपा नेता पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा जैसे सहयोगियों के साथ भी संपर्क में हैं। पासवान और कुशवाहा का कुमार के प्रति राजनीतिक विरोध का इतिहास रहा है। हालांकि, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने सुझाव दिया कि वह भाजपा नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय को मानेंगे। मांझी के बेटे विधान पार्षद संतोष कुमार सुमन ने दावा किया कि राज्य में जद (यू)-राजद-कांग्रेस सरकार एक या दो दिन में गिर सकती है।

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