पटना: बिहार की सियासत में मंगलवार का दिन उथल-पुथल भरा रहा। नीतीश कुमार एडीए का दामन छोड़कर एकबार फिर से महागठबंधन के साथ आ गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया है। इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने नीतीश कुमार को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया है।
नीतीश कुमार के इस कदम ने एकबार फिर से महागठबंधन को बिहार की राजनीति धरा में सींचने का काम किया है। वे राज्य में राजद, कांग्रेस और वामदलों के साथ मिलकर नई सरकार बना सकते हैं। उधर, एलजेपी नेता (रामविलास पासवान गुट) चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, आज नीतीश कुमार की साख शून्य है।
चिराग पासवान ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हुए कहा, हम चाहते हैं कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो और राज्य को नए सिरे से जनादेश देना चाहिए। आपकी (नीतीश कुमार) कोई विचारधारा है या नहीं? अगले चुनाव में जदयू को जीरो सीटें मिलेंगी।
वहीं बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पटना में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी ने 74 सीट जीतेने के बाद भी वादे के मुताबिक नीतीश कुमार जी को NDA गठबंधन का मुख्यमंत्री बनाया था। यह बिहार की जनता और BJP के साथ धोखा है, जनता के फैसले का उल्लंघन है। बिहार की जनता इसे बर्दाशत नहीं करेगी।
बता दें कि 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन का हिस्सा थे और वे मुख्यमंत्री थे। तेजस्वी यादव इस सरकार में डिप्टी सीएम थे। तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के मुद्दे को लेकर एक दिन नीतीश कुमार ने अचानक राजभवन जाकर इस्तीफा सौंप दिया था।