पटनाःबिहार में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के गृह विभाग संभालने के बाद से ही अतिक्रमण के खिलाफ जारी बुलडोजर एक्शन को लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रही है। यहां तक कि सम्राट चौधरी को बुलडोजर बाबा बोलकर हमला बोल रहे हैं। इसी बीच हम पार्टी के प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने भी बुलडोजर एक्शन पर सवाल उठा दिया है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण गलत है, लेकिन गरीबों पर कार्रवाई की जा रही है। पहले उन लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए थी जो सरकारी जमीन को कब्जा के रखे हैं। जीतनराम मांझी ने बुलडोजर एक्शन पर कहा कि अतिक्रमण जो हुआ है, वह गलत है और जो नोटिस देकर हटाया जा रहा है वो सही है। लेकिन एक बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि जब तक आप उनको रहने के लिए वैकल्पिक इंतजाम ना कर दें तब तक उनको ना हटाएं।
सुनने में आया है कि बिहार सरकार उनको बसाने का काम एक्टिवली कर रहे है। लेकिन चीज जरूर कहेंगे कि बुलडोजर जो चल रहा है वो सड़कों पर अगल-बगल जो छोटे-मोटे लोग कारोबारी हैं उनको हटाया जा रहे हैं। मांझी ने कहा कि लेकिन सरकारी जमीन पर मॉल बना लिए हैं चौथा पांचवा तल्ला का मकान बना लिया पहले उनपर कार्यवाही होनी चाहिए।
वह अगर होता है तो ये वाला अपने आप चले जाते हैं। फिर कोई विरोधी कुछ नहीं करता। जीतन राम मांझी ने कहा कि मेरा यह सुझाव है सरकार के लिए। मांझी ने इस बयान से साफ है कि दलितों पर कार्रवाई बर्दास्त नहीं की जाएगी। सरकार को पहले सरकारी कब्जे वाली जमीन पर कार्रवाई करनी चाहिए। फिर उन्हें इन लोगों को हटाना चाहिए।
मांझी के मुताबिक, अतिक्रमण हटाना गलत नहीं है, लेकिन इसकी शुरुआत उन बड़े कब्जाधारियों से होनी चाहिए जो सरकारी जमीन पर अवैध रूप से मॉल और विशाल इमारतें खड़ी किए हुए हैं। पहले बड़े-बड़े मॉल और उच्चस्तरीय अतिक्रमण हटाए जाते, उसके बाद दलितों की बस्तियों पर कार्रवाई होती, तो यह अधिक न्यायसंगत होता।
वहीं विधान मंडल के पांच दिवसीय सत्र में तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति पर भी मांझी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जनता ने तेजस्वी यादव को जो जनादेश दिया था, उसके अनुरूप उन्हें सदन में उपस्थित रहकर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी। मांझी ने कहा कि मुझे लगता है कि शर्म और लज्जा के कारण ही वे इस सत्र में शामिल नहीं हुए।