15 जून के बाद भी 180 बालू घाटों से आपूर्ति जारी?, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किया ऐलान
By एस पी सिन्हा | Updated: May 14, 2025 17:31 IST2025-05-14T17:30:41+5:302025-05-14T17:31:52+5:30
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने निर्धारित लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त किया है। अब तक 3569 करोड़ रुपये का राजस्व खनन विभाग को मिला है।

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पटनाः बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को खनन विभाग को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि हर साल 15 जून से मानसून के चलते बालू घाट बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन राज्य सरकार ने समय पर विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए पहले से भंडारण की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि सरकार की परियोजनाएं बाधित न हों, इसके लिए 15 जून के बाद भी 180 बालू घाटों से बालू की आपूर्ति जारी रहेगी। इनमें 18 घाट सफेद बालू के हैं। शेड्यूल रेट पर बालू की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है ताकि समय पर निर्माण कार्य हो सके।
विजय सिन्हा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 3569 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो लक्ष्य से अधिक है। जिन 37 बालू घाटों को सरेंडर किया गया था, उनमें से 29 की नीलामी प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है और 14 घाटों की नीलामी पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि जिन विभागों को बालू की आवश्यकता होगी, उन्हें खनन पट्टा भी दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने निर्धारित लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त किया है। अब तक 3569 करोड़ रुपये का राजस्व खनन विभाग को मिला है। विजय सिन्हा ने बताया कि 37 बालू घाटों को सरेंडर किया गया था, जिनमें से 29 की नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई है और 14 घाटों की नीलामी हो चुकी है।
इसके अलावा, पिला बालू के 457 घाटों में से फिलहाल 161 घाट चालू हैं। विजय सिन्हा ने बताया कि जो घाट सरेंडर किए गए हैं, उनकी अग्रिम संपत्ति जब्त की जाएगी और संबंधित लोगों पर अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने सभी विभागों को चेताया कि बालू, पत्थर और मिट्टी को लेकर कोई भी विभाग अपनी जिम्मेदारी से पीछे न हटे।
उन्होंने दावा किया कि खनन विभाग इन सभी आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में पूरी तरह सक्षम है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आरोपों पर पलटवार करते हुए विजय सिन्हा ने कहा कि देश की सेना के साथ केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार मजबूती के साथ खड़ा है।
उपलब्धता और सूचना के आभाव के कारण हम वहां नहीं पहुंच सके इसका ये अर्थ नहीं हुआ कि तेजस्वी यादव कुछ भी बोलेंगे। दरअसल, शहीद रामबाबू सिंह का पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट पहुंचा, लेकिन वहां उन्होंने श्रद्धांजलि देने के लिए तेजस्वी यादव के अलावा कोई नहीं था। जिसको लेकर तेजस्वी यादव ने सवाल खड़ा किया।