पटनाः बिहार में जहरीली शराब ने ऐसा तांडव मचा रखा है कि पिछले दो-तीन महीनों कई जिलों में अनेकों लोगों के घर उजड़ गए. शासन से लेकर प्रशासन तक की खूब किरकिरी हुई.
इन घटनाओं के बाद आरोप लगने लगे कि सरकार के संरक्षण में शराब माफिया शराबबंदी वाले राज्य में शराब बेच रहे हैं. इसके बाद सरकार ने सख्ती दिखाई है. बावजूद इसके बिहार में शराब मिलना बंद नहीं हुआ और लोग आज भी शराब पी रहे हैं और मर भी रहे हैं. ताजा मामला सीवान जिले से सामने आया है, जहां संदिग्ध स्थिति में तीन लोगों की मौत हो गई है.
परिजनों ने तीनों की मौत का कारण शराब का सेवन बताया है. घटना के बाद गांव में हड़कंप मचा है. इस बीच परिजनों ने प्रशासन को बिना सूचना दिए शवों का दाह संस्कार कर दिया. वहीं, सूचना मिलने के बाद जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय ने उत्पाद अधीक्षक और थाना को जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि स्थानीय पुलिस ने कोई जानकारी देने से इन्कार किया है.
मृतकों में गांव निवासी पवई साह उसका भाई हरिमोहन साह और विनोद साह हैं. पवई और हरिमोहन की मौत शनिवार को घर में हुई, जबकि विनोद की मौत सोमवार को इलाज के क्रम में गोरखपुर में हो गई. वहीं ब्रह्मा साह की स्थिति नाजुक है. प्राप्त जानकारी अनुसार चार लोगों की शनिवार से ही तबीयत बिगड़ने लगी थी.
ऐसे में उन्हें इलाज के लिए गोरखपुर में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के क्रम में तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं, एक व्यक्ति अब भी इलाजरत है. मृतक के परिजन जहरीली शराब के कारण मौत की आशंका जता रहे हैं. वहीं, पुलिस मामले से अनजान बनी हुई है. पुलिस का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं आया है.
परिजनों के मुताबिक प्रमोद साह, पवई साह और हरिभुवन साह शनिवार को दाहा नदी के किनारे शराब पीने गए थे. वहां से आने के बाद तबीयत बिगड़ गई. जबकि इसी गांव के ही रहने वाले विमलेश साह के 45 वर्षीय पुत्र बर्मा साह का गंभीर हालत में गोरखपुर में इलाज चल रहा है. मृत विनोद साह की पत्नी लालती देवी ने बताया कि पति कहीं से शराब पीकर आए थे.
पेट में दर्द और ऐठन की शिकायत थी. उन्हें गोरखपुर भर्ती में कराया गया था. वहीं हरिमोहन साह की दिव्यांग पत्नी सुगंती देवी व पवई साह के भाई कैलाश साह ने बताया कि शुक्रवार की रात दोनों शराब पीकर आए थे. रात शरीर में बेचैनी थी. शनिवार की अलसुबह दोनों की मौत हो गई. हरिमोहन और विनोद ठेला पर केला बेचते थे. पवई साह गुजरात में किसी कंपनी में काम करते थे. इस संबंध में पूछे जाने पर थानाध्यक्ष रामबालक यादव ने बताया कि थाने को आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है.