कोरोना के कारण दूर हो रहे अपने, इंसानियत शर्मसार, माता-पिता के शव का अंतिम संस्कार से भाग रहे हैं बेटे-परिजन
By एस पी सिन्हा | Published: July 21, 2020 05:44 PM2020-07-21T17:44:49+5:302020-07-21T17:44:49+5:30
बेटे ने अपने कोरोना पॉजिटिव पिता के शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय पानी में फेंक दिया और फरार हो गया. जबकि पटना में कोरोना से मौत के बाद एक 55 वर्षीय महिला को अपने अंतिम संस्कार के लिए भी 14 घंटे तक इंतजार करना पड़ा.
पटनाः कोरोना ने तस्वीर बदल कर रख दी है. आलम यह है कि इसके भय से अब अपने भी अपनों का साथ नहीं दे रहे. हालात ऐसे हो गये हैं कि कोरोना से मौत के बाद भी लोगों को सुकून नहीं मिल रहा.
कोरोना संकट के इस दौर में कई जगहों से रिश्तों की ऐसी सच्चाई सामने आ रही है जो इंसानियत को शर्मसार करती है. ऐसा ही मामला बिहार के दरभंगा और राजधानी पटना से सामने आया है. जहां एक बेटे ने अपने कोरोना पॉजिटिव पिता के शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय पानी में फेंक दिया और फरार हो गया. जबकि पटना में कोरोना से मौत के बाद एक 55 वर्षीय महिला को अपने अंतिम संस्कार के लिए भी 14 घंटे तक इंतजार करना पड़ा.
दरभंगा में कोरोना को लेकर फैले अफवाह के कारण अंतिम संस्कार करने के बदले पिता की लाश पानी फेंक बेटे भाग गए. परंपरा एवं संस्कृति-संस्कार के धरोहर को तार-तार करने वाला एक ऐसा ही मामला सोमवार की रात सामने आया. इसने जहां मानवता को झकझोर दिया, वही कोरोना को लेकर लापरवाही बरतने वालों के सामने कड़वी सच्चाई भी परोस गया.
दो दिन पूर्व बिजली का काम करने वाले एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाये गये
लहेरियासराय के एक मोहल्ले में दो दिन पूर्व बिजली का काम करने वाले एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाये गये. प्रशासन ने घर को सील कर दिया. इसी बीच सोमवार को उस व्यक्ति की मौत हो गई. संक्रमित होने की सूचना मिलते ही दूरी बनाने वाले अपने लोगों को जब यह पता चला कि उनकी मौत हो गई है तो सभी ने मुंह फेर लिया.
अंतिम संस्कार के लिए भी साथ जाने को कोई तैयार नहीं हुआ. बताया जाता है कि सोमवार की देर शाम चार लोग लाश लेकर श्मशान घाट पहुंचे. डीएमसीएच में एक दिन पूर्व कोरोना संक्रमण से हुई मौत मामले में दाह संस्कार के लिए प्रशासन के अधिकारियों के संग जनप्रतिनिधि आदि वहां पहले से मौजूद थे.
इन लोगों को बिना किसी संस्कार सामग्री के पहुंचे देख जब वहां लोगों ने सवाल किया, तो लकड़ी आदि लाने की बात कर सभी निकल गए. काफी देर बाद भी इन लोगों के नहीं लौटने पर वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों को इसका ध्यान आया. इसके बाद वे लोग लाश ढूंढने लगे, लेकिन आसपास कहीं भी शव नजर नहीं आया.
इस घटना की सूचना से पूरा समाज स्तब्ध
इसके बाद मृतक के परिजनों से संपर्क किया गया. पहले समझाने की कोशिश की गई. बाद में प्रशासनिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई, तो मृतक के दो पुत्र वापस लौटे. लाश के बावत पूछे जाने पर वही बगल में जमा पानी में शव रख दिए जाने की बात बताई. इसके बाद शव के अंतिम संस्कार कराने में प्रशासनिक अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. इस घटना की सूचना से पूरा समाज स्तब्ध है.
एक ऐसी ही भयावह घटना पटना से सामने आई है. जहां पटना सिटी के मालसलामी इलाके में कोरोना से मौत के बाद एक 55 वर्षीय महिला को अपने अंतिम संस्कार के लिए भी 14 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. दरअसल, मालसलामी इलाके में 55 वर्षीय महिला कोरोना से संक्रमित पाए जाने पर होम क्वारेंटाइन में रहकर इलाज करा रही थी.
20 जुलाई के अहले सुबह करीब 3 बजे उनकी मृत्यु हो गई. वही महिला मरीज की मौत के बाद परिवार के अन्य सदस्य कोरोना संक्रमण के डर से घर से बाहर निकल गए. परिजन व स्थानीय लोगों ने सिटी अनुमंडलाधिकारी राजेश रोशन, स्थानीय मालसलामी थाना व एनएमसीएच अस्पताल में सूचना दी, पर सुबह से शाम हो गया किसी ने भी लाश हटाने की सुध नहीं ली. जहां स्थानीय लोगो मे कोरोना संक्रमण फैलने की डर से लचर व्यवस्था के खिलाफ काफी आक्रोश था. काफी देर तक जद्दोजहद करने के बाद करीब 14 घंटे के बाद शव को लेने एम्बुलेंस पहुंची उसके बाद स्थानीय लोगो ने राहत की सांस ली.