लाइव न्यूज़ :

नीतीश सरकार पर मंडराने लगे हैं संकट के बादल! एनडीए विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे मुकेश सहनी, वीआईपी के चार विधायक अहम

By एस पी सिन्हा | Updated: July 26, 2021 18:56 IST

एनडीए विधानमंडल दल की बैठक का बहिष्कार करने वाले मुकेश सहनी ने गठबंधन के साथियों पर बड़ा आरोप लगाया है.

Open in App
ठळक मुद्देहम एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन इसके बाद भी यूपी में भाजपा सरकार ने हमें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया.मुकेश सहनी ने कहा कि वह अलग से अपनी पार्टी के विधायकों के साथ बैठक करेंगे.फूलन देवी की प्रतिमा लगाए जाने के अभियान और योगी सरकार से मंजूरी नहीं मिलने को जोड़कर देखा जा रहा है.

पटनाः बिहार में एनडीए की सहयोगी दल वीआईपी ने विधानमंडल दल की बैठक का बहिष्कार कर नई सियासी हलचल मचा दिया है. मानसून सत्र में रणनीति तय करने के लिए एनडीए विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई थी.

 

इस बैठक में बिहार सरकार के पशुपालन एवं मत्‍स्‍य संसाधन मंत्री मुकेश साहनी और उनकी पार्टी के अन्य विधायक भी शामिल नहीं हुए. जिसके बाद अब बिहार में नीतीश सरकार पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. वहीं, एनडीए विधानमंडल दल की बैठक का बहिष्कार करने वाले मुकेश सहनी ने गठबंधन के साथियों पर बड़ा आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा कि एनडीए की बैठक में जाने का कोई मतलब नहीं रह जाता, क्योंकि वहां बात नहीं सुनी जाती. मुकेश ने कहा गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों को सम्मान मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. इस दौरान उन्होंने कल (रविवार को) जिस तरह का व्यवहार यूपी सरकार द्वारा किया गया, उसको लेकर भी अपनी नाराजगी जाहिर की.

उन्होंने कहा कि हम एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन इसके बाद भी यूपी में भाजपा सरकार ने हमें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया. ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा सबका साथ सबका विश्वास की बात करना कहीं से भी सही नहीं है. कम से कम यूपी में सबका साथ भाजपा नहीं दे रही है. मुकेश सहनी ने कहा कि वह अलग से अपनी पार्टी के विधायकों के साथ बैठक करेंगे.

हालांकि, उन्होंने इस दौरान बिहार सरकार को समर्थन के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारी सरकार को किसी प्रकार का खतरा नहीं है. न ही सरकार से अपना समर्थन वापस लेने जा रहे हैं. लेकिन ऐसे बैठक में शामिल होने का कोई लाभ नहीं है. मुकेश सहनी की इस नाराजगी को उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी की तरफ से फूलन देवी की प्रतिमा लगाए जाने के अभियान और योगी सरकार से मंजूरी नहीं मिलने को जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि खुद मुकेश सहनी के मुताबिक इसका यूपी प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है.

उन्होंने कहा कि इसे यूपी से जोड़कर न देखा जाए. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जिस तरह दलितों पिछड़ों की आवाज दबाने का प्रयास किया है. वह प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों के भी खिलाफ है. यहां उल्लेखनीय है कि मुकेश सहनी नाराज चल रहे हैं और उनकी नाराजगी भाजपा से है.

क्योंकि उन्हें उत्तर प्रदेश के बनारस में पूर्व सांसद फूलन देवी की शहादत दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम में जाने नहीं दिया गया था. यूपी पुलिस एयरपोर्ट पर ही मुकेश सहनी को रोक दी थी. तब मंत्री ने कहा था कि ऐसी घटनाएं भाजपा सरकार के 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के नारे पर सवाल खड़ा करती है.

दरअसल, मुकेश सहनी बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में अपनी सियासत चमकाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. यूपी में निषाद वोटों पर अपनी दावेदारी जता रहे सहनी ने 16 बड़े शहरों में फूलन देवी की मूर्तियां लगाने की तैयारी में थे. इस सिलसिले में जब वे बनारस पहुंचे तो उन्‍हें एयरपोर्ट से बाहर ही नहीं निकलने दिया गया.

उन्‍हें वाराणसी एयरपोर्ट से सीधे कोलकाता लौटा दिया गया, क्‍योंकि वहां से तत्‍काल पटना या दिल्‍ली की कोई फ्लाइट उपलब्‍ध नहीं थी. फूलन देवी की तमाम मूर्तियों को भी यूपी सरकार ने जब्‍त कर लिया है. इस घटनाक्रम से सहनी बेहद आहत हैं. वहीं, यूपी में भाजपा से खार खाए मुकेश सहनी ने तेजस्‍वी यादव और अखिलेश यादव को फूलन देवी को याद करने के लिए धन्‍यवाद देकर भाजपा को संदेश देने की कोशिश की है तो खुले शब्‍दों में यूपी में योगी आदित्‍यनाथ की सरकार की आलोचना भी की है. उन्‍होंने कहा कि योगी सरकार उनसे डर गई है.

उन्‍होंने यह भी कहा कि बिहार की तरह ही वे यूपी में भी सरकार बनाएंगे. वीआईपी से बिहार में फिलहाल चार विधायक और एक विधान पार्षद मुकेश सहनी खुद हैं. सहनी के इस कदम ने राजद-कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष को खुश किया है तो सत्‍ता पक्ष चौंक गया है. वीआईपी के विधायक एनडीए से अगर अलग होते हैं तो बिहार सरकार के लिए खतरे की संभावना बढ़ सकती है.

इससे पहले भी सहनी कई मौकों पर नाराजगी जाहिर करते रहे हैं. विधान परिषद में कम कार्यकाल वाली सीट के लिए भी उन्‍होंने भाजपा के समक्ष विरोध दर्ज कराया था. उनकी और हम के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जीतन राम मांझी के बीच पक रही खिचड़ी को बिहार में विपक्ष अपने लिए फायदेमंद मान कर चल रहा है. जीतन राम मांझी हमेशा से मुकेश सहनी के समर्थन में खडे दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में अब अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.

टॅग्स :मुकेश सहनीउत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावयोगी आदित्यनाथपटनाजेडीयूभारतीय जनता पार्टीकांग्रेसआरजेडी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट