बिहार: एनआईए ने अपने हाथ में ली फुलवारी शरीफ टेरर माड्यूल जांच की जिम्मेदारी

By एस पी सिन्हा | Published: July 23, 2022 05:07 PM2022-07-23T17:07:00+5:302022-07-23T17:13:26+5:30

एनआईए ने पटना के फुलवारी शरीफ में जेहादियों की ट्रेनिंग और उनके पाकिस्तान सहित दूसरे देशों से कनेक्शन वाले मामले की जांच की जिम्‍मेदारी अपने हाथों में ले ली है।

Bihar: NIA takes over the responsibility of investigating Phulwari Sharif Terror Module | बिहार: एनआईए ने अपने हाथ में ली फुलवारी शरीफ टेरर माड्यूल जांच की जिम्मेदारी

फाइल फोटो

Highlightsएनआईए ने पटना के फुलवारी शरीफ आतंकी कनेक्शन मामले की जांच शुरू की एनआईए के निशाने पर पटना, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, दरभंगा, छपरा समेत अन्य बिहार के कई जिले हैंसिर्फ एनआईए ही नहीं रॉ और आइबी के अधिकारी भी इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं

पटना: भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने के लिए पटना के फुलवारी शरीफ में जेहादियों की ट्रेनिंग और उनके पाकिस्तान सहित दूसरे देशों से कनेक्शन के मामले की जांच की जिम्‍मेदारी एनआईए ने अपने हाथों में ले ली है। एनआईए ने मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। सूत्रों के अनुसार एनआईए ने शुक्रवार की रात में आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत विभ‍िन्‍न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

बता दें कि फुलवारी शरीफ में टेरर कैंप का खुलासा होने के बाद से 23 संदिग्ध आतंकी फरार हैं। बिहार पुलिस की एसआईटी और एटीएस इनकी तलाश के लिए बिहार के कई जिलों में लगातार छापेमारी कर रही है। हालांकि पुलिस को इसमें सफलता नही मिल पा रही है। सूत्रों के अनुसार पटना, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, दरभंगा, छपरा समेत अन्य जिलों में पीएफआई और एसडीपीआई के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।

एसआईटी फरार आतंकियों को गिरफ्तार करने के लिए अब गली-गली में इनका पोस्टर चस्पा करने की तैयारी में हैं। 11 जुलाई को मामले का पर्दाफाश होने के बाद से ही एनआईए, रॉ और आइबी के अधिकारी भी इस मामले पर नजर रखे हुए हैं। अब गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद नए सिरे से पूरे मामले की जांच एनआईए ने शुरू कर दी है।

देश विरोधी गतिविधियों का दायरा लगातार फैलने के बाद से ही उम्‍मीद की जा रही थी कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की कमान एटीएस या एनआईए संभाल सकती है। पटना के एसएसपी एमएस ढिल्‍लो ने दो दिनों पूर्व एटीएस से इसकी जांच के लिए बिहार पुलिस मुख्‍यालय को पत्र भी लिखा था।

इस बीच एक बात और सामने आई है कि गजवा-ए-हिंद की जांच में जुटी एसआईटी को हनी ट्रैप में फंसाने का षड्यंत्र रचा गया था। जांच में पता चला कि वह नंबर पाकिस्तान का है। कयास लगाया जा रहा है कि उक्त पदाधिकारी को हनी ट्रैप के जाल में फंसाकर जांच से जुड़ी जानकारी हासिल करने का षड्यंत्र था।

सूत्रों के अनुसार अब तक के जांच में यह बात सामने आई है कि इस मुहिम में न केवल पुरूष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी शामिल हैं। पीएफआई के बैनर तले महिलायें, बेरोजगार युवक, वृद्धों, कारोबारियों और छात्रों का संगठन पूरी शिद्दत के साथ इस मुहिम में जुटा हुआ है। महिलाओं और छात्रों के लिए अलग-अलग उप संगठन है। कानूनी सहायता के लिए भी एक संगठन कार्य करता है।

वहीं फंड जुटाने की जिम्मेदारी एक दूसरे संगठन के पास है। सेमिनार, आंदोलन में भीड़ जुटाने, मुद्दा तय करने, आईटी सेक्टर के लिए भी अलग-अलग संगठन हैं। अब जांच में यह बात भी सामने आ गई है कि इनको फंडिंग कहां-कहां से मिल रहा था? सूत्रों के अनुसार मरगूब के मोबाइल से मिले संदेश के अनुसार 2023 में सीधा जिहाद की मुहिम थी। उसके मोबाइल में मारखोर नाम से एक नंबर सेव था, जो पाकिस्तान का निकला है।

मरगूब के मोबाइल में मिले मारखोर के नंबर से चैटिंग के सबूत भी मिले हैं, जो खुद को आईएसआई एजेंट बताता है। वह पांच साल से गजवा-ए-हिंद को विस्तार दे रहा था। एसआईटी को मोबाइल से कई संदिग्ध पाकिस्तानी, बांग्लादेशी व अन्य इस्लामिक देशों के नंबर मिले हैं। मरगूब ने एसआईटी को पूछताछ में कहा था कि गजवा-ए-हिंद होगा, आज नहीं तो कल।

भारत और पाकिस्तान के समुदाय विशेष के लोग लड़ेंगे। लीडर पाकिस्तान बनेगा, दुनिया के सारे मुसलमान पाकिस्तान के नेतृत्व में लड़ेंगे। 2024 में खिलाफत होगा, पूरी दुनिया में खिलाफत होगा। ऐसी कई बातें वह पूछताछ के दौरान बोल रहा था। पाकिस्तान में बैठे फैजान से उसकी बात होती थी।

गौरतलब है कि पटना के फुलवारी शरीफ से रची जा रही साजिश के तार पाकिस्‍तान समेत कई देशों से जुड़ने की बात अब तक की जांच में सामने आ चुकी है। पीएफआई, एसडीपीआई के बाद गजवा-ए- हिंद और आईएसआई की एंट्री का पता भी चला है।

Web Title: Bihar: NIA takes over the responsibility of investigating Phulwari Sharif Terror Module

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