बिहार: श्मशान घाट पर दबंगई, कोरोना संक्रमित शव के अंतिम संस्कार के लिए मांगे गए डेढ़ लाख रुपये

By एस पी सिन्हा | Published: July 14, 2020 03:15 PM2020-07-14T15:15:34+5:302020-07-14T15:15:34+5:30

बिहार के भागलपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कोरोना संक्रमित शव के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर मौजूद ठेकेदार की ओर से डेढ़ लाख रुपये मांगे गए। मिली जानकारी के अनुसार ऐसी मांग इन दिनों खूब हो रही है और परिजनों को अंतिम संस्कार कराने के लिए भी काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है।

Bihar News one and half lakh rupees demanded for funeral of corona infected body | बिहार: श्मशान घाट पर दबंगई, कोरोना संक्रमित शव के अंतिम संस्कार के लिए मांगे गए डेढ़ लाख रुपये

भागलपुर में कोरोना संक्रमित शव के अंतिम संस्कार के लिए मांगे गए डेढ़ लाख रुपये (फाइल फोटो)

Highlightsबिहार के भागलपुर में एक कोरोना संक्रमित शव के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों से मांगे गए 1.5 लाख रुपयेपैसे नहीं देने पर शव को वापस अस्पताल ले जाना पड़ा, पुलिस के हस्तक्षेप से हो सका अंतिम संस्कार

पटना: कोरोना के कहर के बीच कई जगहों से मानवता को शर्मसार कर देने वाली खबर सामने आ रही हैं. लोग कोरोना के कहर से जूझ रहे परिवारों के साथ अमानविय व्यवहार कर रहे हैं. ताजा मामला भागलपुर के बरारी श्मशान घाट पर सामने आया है, जहां कोरोना संक्रमित शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया, पर घाट पर मौजूद ठेकेदार (डोम राजा) ने अंतिम संस्कार के लिए डेढ लाख रुपये की मांग कर दी. 

परिजनों ने लेकिन कोरोना की दुहाई देकर काफी मन्नत की लेकिन परिवार की एक नहीं सुनी गई. इसके बाद परिजन शव को वापस अस्पताल ले आए और शवगृह में रखा गया. आखिरकार पुलिस के हस्तक्षेप के बाद देर रात शव को जलाया गया. 

कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्कार के लिए मांगे गए डेढ़ लाख रुपये

प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को एक वरीय अधिकारी का निधन हो गया था. वह कोरोना से पीड़ित थे. नियमानुसार उनका शव मायागंज अस्पताल के शवगृह में रखा गया था. उक्त अधिकारी भागलपुर में अकेले रहते थे. निधन के बाद उनके परिजन पटना से अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भागलपुर आये. 

यहां उन सबके लिए उनके रिश्तेदार तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू प्रो रामप्रवेश सिंह ने पीपीइ किट की व्यवस्था की. डीएसडब्ल्यू के अनुसार अंतिम संस्कार के लिए परिजन जब बरारी स्थित श्मशान घाट पर पहुंचे, तो वहां घाट पर तैनात लोगों का व्यवहार ठीक नहीं था. उन लोगों ने अंतिम संस्कार कराने के लिए डेढ लाख रुपये की मांग की. 

कोरोना से परिजन की हुई असामयिक निधन से मर्माहत परिजनों ने उन लोगों से काफी मिन्नत की, पर उन लोगों ने एक न सुनी. पूरे पैसे नहीं देने की स्थिति में उन लोगों ने शव वापस ले जाने को कहा. अंतत: पी़ड़ित परिजन शव लेकर लौट गये. शव को फिर से मायागंज अस्पताल के शवगृह में रखा गया. 

पुलिस के हस्तक्षेप से हो सका अंतिम संस्कार

कई लोगों से बात करने के बाद यह तय किया गया कि आधी रात में पुलिस के साथ शव लेकर फिर वो श्मशान घाट जायेंगे और एकबार फिर अंतिम संस्कार की कोशिश की जायेगी. हालांकि यहां भी 20 से 30 हजार रुपये देने की बात होती रही. 

पुलिस की हस्तक्षेप के बाद देर रात शव को जलाया गया. इस संबंध में बरारी सहायक थाना के थाना प्रभारी एसआइ नवनीश कुमार ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव के शव को जलाने गये परिजनों सहित शव को श्मशान घाट से सोमवार को लौटा दिया गया था. इसके बाद परिजनों ने उनसे संपर्क किया. मदद के तौर पर कुछ व्यवस्था की गई.

बताया जा रहा है कि कोरोना से मरे लोगों का अंतिम संस्कार श्मशान घाट पर रात 12 बजे के बाद किया जाता है. इसके लिए 10 से 20 हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. दिन में अंतिम संस्कार के लिए मनमाना राशि की मांग की जाती है. 

कई लोगों का कहना है कि अगर भागलपुर का विद्युत शवदाह गृह चालू हो जाता, तो इस समस्या से मुक्ति मिलती. इस मामले में लेकिन निगम की लापरवाही से सबकुछ होकर भी कुछ नहीं है. ऐसी स्थिती केवल भागलपुर में ही नही है, बल्कि बिहार के लगभग सभी घाटों पर ठेकेदारों ( डोम राजा) के आगे किसी की नही चलती. उनलोगों के द्वारा मनमाना रूपये की मांग की जाती है.

Web Title: Bihar News one and half lakh rupees demanded for funeral of corona infected body

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