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Bihar News: महागठबंधन सरकार के निर्णय पर कैंची, 826 करोड़ रुपये के 350 अनुबंध रद्द, बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद...

By एस पी सिन्हा | Updated: June 25, 2024 16:23 IST

Bihar News: लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) एक मंत्री नीरज कुमार सिंह बब्लू ने मंगलवार को बताया कि ठेकेदारों की चयन प्रक्रिया में “अनियमितताओं” का हवाला देते हुए 826 करोड़ रुपये के 350 अनुबंध रद्द कर दिए गए हैं।

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ठळक मुद्देठेके हैंडपंप, मिनी जलापूर्ति व्यवस्था आदि की स्थापना से संबंधित थे।विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई थी।ठेकों को रद्द करने का आदेश जारी किया गया।

Bihar News: बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद अब एनडीए की सरकार पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान राजद कोटे के मंत्रियों के द्वारा लिए गए निर्णयों पर कैंची चलाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए दिए गए 826 करोड़ रुपये के अनुबंधों को रद्द कर दिया है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) एक मंत्री नीरज कुमार सिंह बब्लू ने मंगलवार को बताया कि ठेकेदारों की चयन प्रक्रिया में “अनियमितताओं” का हवाला देते हुए 826 करोड़ रुपये के 350 अनुबंध रद्द कर दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि विभाग की जांच से पता चला है कि राज्य में पिछली राजद के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण जलापूर्ति व्यवस्था से जुड़े 350 ठेकों (826 करोड़ रुपये के) के आवंटन में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। ये ठेके हैंडपंप, मिनी जलापूर्ति व्यवस्था आदि की स्थापना से संबंधित थे।

जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मैंने हाल में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। जिसके बाद इन ठेकों को रद्द करने का आदेश जारी किया गया। नीरज सिंह बब्ब्लू ने कहा कि विभाग ने इन ठेकों से जुड़ी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट भी राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी को सौंप दी है ताकि गहन जांच हो सके। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नीरज सिंह बब्लू ने कहा कि 17 महीनों में पिछली सरकार ने पीएचईडी विभाग के 4600 करोड़ रुपये के कुल 1160 ठेके दिए थे। हमने अब तक 350 अनुबंध रद्द कर दिए हैं, शेष की जांच की जा रही है। राज्य में पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान राजद नेता ललित यादव पीएचईडी मंत्री थे।

वहीं, विभाग के अधिकारियों द्वारा पकड़ी गई अनियमितताओं का ब्यौरा देने से उन्होंने  इनकार करते हुए कहा कि इनके बारे में बताने का यह उचित समय नहीं है क्योंकि मामले की जांच एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जा रही है। दस्तावेजों के अनुसार, बांका जिला इस सूची में सबसे ऊपर है, जहां ग्रामीण जलापूर्ति प्रणाली से संबंधित अधिकतम 106 अनुबंध रद्द किए गए हैं।

जमुई में 73, लखीसराय में 20 , औरंगाबाद में 18 और आरा में 11 अनुबंध रद्द किए गए हैं। बता दें कि नीतीश कुमार के एनडीए के साथ आने के बाद सरकार ने पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव और पिछली महागठबंधन सरकार में राजद कोटे से उनके दो तत्कालीन मंत्रियों ललित यादव और रामानंद यादव के प्रभार वाले विभागों द्वारा लिए गए सभी निर्णयों की समीक्षा का आदेश दिया था।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले कैबिनेट सचिवालय विभाग की ओर से 16 फरवरी 2024 को जारी पत्र में स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास और ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों को भी राज्य में पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान लिए गए निर्णयों की समीक्षा करने को कहा गया था। इन विभागों के प्रमुख तेजस्वी यादव थे।

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