Bihar News: डीजीपी ने दी चेतावनी, फिर भी हो रहे हैं कोरोना योद्धाओं पर हमले, अब दरभंगा में आशा कार्यकर्ताओं पर अटैक
By एस पी सिन्हा | Published: April 17, 2020 04:48 PM2020-04-17T16:48:03+5:302020-04-17T16:48:03+5:30
कोरोना संकट के बीच पुलिस और मेडिकल टीम पर हो रहे हमले को लेकर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा है कि पुलिस पर हाथ उठाने वाले का हाथ तोड़ देंगे.
पटना: बिहार में डीजीपी के सख्त आदेश के बाद भी स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले रूकने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला दरभंगा का है, जहां विदेश व अन्य राज्यों से आए लोगों की जानकारी जुटाने गई आशा कार्यकर्ता पर हमला किया गया और उनके कागजात फाड़ दिए गए.
जबकि कोरोना संकट के बीच पुलिस और मेडिकल टीम पर हो रहे हमले को लेकर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा है कि पुलिस पर हाथ उठाने वाले का हाथ तोड़ देंगे. कोरोना महामारी से निपटने के लिए बिहार पुलिस एनएसए भी लगाएगी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार दरभंगा में आशा कार्यकर्ताओं को तब निशाना बनाया गया, जब दूसरे राज्यों से बिहार आए प्रवासियों की जानकारी जुटाने वे दरभंगा के चंदन पट्टी और भालपट्टी मोहल्ले में सर्वे करने पहुंची थीं. बताया जा रहा है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कुछ आशा कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार भी किया और कपडे़ भी खींचने की कोशिश की. उनके फॉर्म भी फाड दिए गए.
यहां बता दें कि बिहार में कोरोना की चेन तोडने के लिए विदेश और अन्य राज्यों से आनेवालों को क्वारेंटाइन करने के लिए सर्वे का काम चल रहा है. घर-घर आशा कार्यकर्ता जाकर यह जानकारी ले रही हैं कि आपके यहां कोई बाहर से तो नहीं आया है. यह सब वे अपनी जान जोखिम में डालकर समाज और देशहित में कर रही हैं ताकि कोरोना की चेन तोड़ी जा सके और अगर कोई बाहर से आया है तो उसको क्वारेंटाइन कर उसका इलाज किया जा सके.
लेकिन असामाजिक तत्व इन बातों से बेफिक्र अब गुंडागर्दी पर उतर आये हैं. आज जब आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा जब सर्वे के लिए फॉर्म दिया गया तो उसे भी फाड़ दिया गया. यही नही आशा कार्यकर्ताओं की साडियां खींचकर उनके साथ बदतमीजी भे करने की कोशिश की गई.
वहीं, हमले की जानकारी मिलने के बाद एसपी बाबू राम ने तत्काल वहां पुलिस टीम भेजी और डीएसपी सदर अनुज कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया. इस बीच खबर है कि एक व्यक्ति को हिरासत में भी लिया गया है. यहां उल्लेखनीय है कि आज ही बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने ऐसे उपद्रवी तत्वों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानि एनएसए लगाने का ऐलान किया है.
उन्होंने यह भी कहा है कि किसी भी हाल में ऐसे तत्वों को नहीं बख्शा जाएगा. यहां बता दें कि बिहार के औरंगाबाद में स्वास्थ्य विभगा की टीम पर गुरूवार को ग्रामीणों ने अचानक हमला बोल दिया था. गोह थाना क्षेत्र के एकौनी गांव की इस घटना में स्वास्थ्य परीक्षण करने पहुंची टीम के कई कर्मियों को चोटें भी आईं थीं. जबकि मोतिहारी में लोगों को जागरूक करने गए अफसरों पर ग्रामीणों ने हमला किया गया था, इसमें बीडीओ घायल हो गए थे. यही नही बिहार के कई जिलों में पुलिस और मेडिकल टीम पर लगातार हमला किया जा रहा है.
इसके बाद ही डीजीपी ने कहा कि बिहार के 12 करोड जनता के जान बचाने के लिए पुलिस सडक पर खडी है. पुलिस लोगों को समझाने जा रही है. उनको क्वॉरेंटाइन करने के लिए बोल रही है तो ऐसे लोग पुलिस पर हमला कर रहे हैं. ऐसे लोगों का हाथ तोड दिया जाएगा. उनकी कानून से कमर को तोड दिया जाएगा. जरूरत पडी को एनएसए भी लगाएंगे. लेकिन ये हमला बर्दास्त नहीं करेंगे.
डीजीपी ने कहा कि बिहार की 99 फीसदी जनता पुलिस के साथ है. हंगामा करने वालों की तादाद केवल एक फीसदी है. लोगों का प्यार मिल रहा है. जो डॉक्टर जांच करने जा रहे उनपर हमला करेंगे. डीएसपी का सिर फोडेंगे, जवान पर हमला करेंगे यह कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा. ये लोग बच नहीं सकते हैं. 24 घंटे के अंदर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करके जेल भेजेंगे. डीजीपी ने कहा कि पुलिस जनता के लिए दिन रात काम कर रही है. लेकिन ये लोग हमला कर रहे है. ऐसे लोगों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाया जाएगा.
जो अपनी जान दूसरों की जान बचाने के लिए जोखिम में डाल रहीं हैं उनके साथ ही दुर्व्यवहार और मारपीट की जा रही है. डीजीपी ने आज ही इस मामले को गंभीरता से लिया है और पुलिस को ऐसे मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून रासुका के तहत कार्रवाई का आदेश दिया है. डीजीपी ने कहा है कि ऐसे लोगों पर 24 घंटे में चार्जशीट करें और तुरंत जेल भेजें. ऐसे में अब देखना यह है कि पुलिस डीजीपी के आज के इस आदेश को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या कार्रवाई करती है?