Bihar News: 2025 विधानसभा चुनाव पर नजर, दिलेश्वर कामत और संजय झा को बड़ी जिम्मेदारी, नीतीश कुमार की नजर जातीय समीकरण पर
By एस पी सिन्हा | Updated: June 25, 2024 17:32 IST2024-06-25T17:31:43+5:302024-06-25T17:32:43+5:30
Bihar News: लोकसभा चुनाव में सुपौल सीट पर राजद के चंद्रहास चौपाल को 1 लाख 69 हजार 803 वोट से हराया था।

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Bihar News: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा और राज्यसभा में अपनी पार्टी के संसदीय दल के नेताओं का नाम तय कर दिया है। दरअसल, जदयू संसदीय दल ने अपने नेता के चुनाव का अधिकार नीतीश कुमार को सौंप दिया था। इसके बाद नीतीश कुमार ने मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में अपनी पार्टी के नेताओं के नाम का ऐलान कर दिया। सांसद दिलेश्वर कामत को लोकसभा में संसदीय दल का नेता बनाया है। जबकि संजय झा को राज्यसभा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दिलेश्वर कामत सुपौल से दूसरी बार सांसद बने हैं।
वहीं, संजय झा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है। सुपौल सांसद दिलेश्वर कामत को अति पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा माना जाता है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में सुपौल सीट पर राजद के चंद्रहास चौपाल को 1 लाख 69 हजार 803 वोट से हराया था। इससे पहले लोकसभा में राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह जदयू संसदीय दल के नेता हुआ करते थे।
लेकिन उनके मंत्री बनने के बाद सुपौल से सांसद दिलेश्वर कामत को नेता चुना गया है। दिलेश्वर कामत बिहार सरकार में मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी विजेंद्र प्रसाद यादव के बेहद नजदीकी माने जाते हैं। विजेंद्र यादव ने ही उन्हें पहली दफे लोकसभा का टिकट दिलवाया था। इस दफे भी विजेंद्र यादव ने ही दिलेश्वर कामत के चुनाव अभियान की कमान थाम रखी थी।
उधर राज्यसभा में संजय झा को अपने संसदीय दल का नेता बनाया गया है। संजय झा बिहार सरकार में मंत्री हुआ करते थे। इसी साल उन्हें जदयू की ओर से राज्यसभा भेजा गया है। वैसे तो संजय झा जदयू कोटे से केंद्र सरकार में मंत्री बनने के दावेदार थे, लेकिन पार्टी को सिर्फ दो ही मंत्री पद मिला और उसमें जातिगत समीकरण में संजय झा फिट नहीं बैठे।
लिहाजा रामनाथ ठाकुर को अति पिछड़े कोटे से केंद्र में मंत्री बनाया गया। रामनाथ ठाकुर पहले राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता हुआ करते थे। लेकिन उनके मंत्री बनने के कारण संजय झा को नया नेता चुना गया है। जदयू के संसदीय दल के नेताओं के चुनाव से ये दिख रहा है कि नीतीश कुमार की नजर जातीय समीकरण पर है।
लिहाजा उन्होंने लोकसभा में अति पिछड़े तबके से आने वाले दिलेश्वर कामत को नेता बनाया है। इससे पहले नीतीश कुमार ने कुशवाहा जाति से आने वाले श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को विधान परिषद भेजने का ऐलान किया है। विधान परिषद की एक सीट राजद के रामबली चंद्रवंशी के अयोग्य घोषित होने के कारण खाली हुई है। इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। यह सीट एनडीए के पास जाना तय है।
हालांकि बड़ी पार्टी होने के कारण ये संभावना जताई जा रही थी कि भाजपा इस सीट पर दावा ठोकेगी। लेकिन भाजपा ने यह सीट जदयू को दे दी है। माना जा रहा है कि कोइरी वोट बैंक को साधने की कोशिश में जदयू ने श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है। दरअसल, बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बहुत बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है।