BIHAR NDA VS UPA Elections 2024: वोट शेयर 8.83 प्रतिशत कम, 9 सीट हारे, जानें एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन का हाल, कैसा रहा प्रदर्शन
By एस पी सिन्हा | Updated: June 7, 2024 17:21 IST2024-06-07T17:20:26+5:302024-06-07T17:21:37+5:30
BIHAR NDA VS UPA Lok Sabha Elections 2024: 2019 में राज्य में एनडीए और विपक्षी दल के वोट शेयर के बीच का अंतर 27.15 फीसदी था, जो इस बार घटकर 9.01 फीसदी रह गया।

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BIHAR NDA VS UPA Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव में बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का वोट शेयर 8.83 प्रतिशत कम हुआ, जबकि इसने 40 में से 30 सीटें जीतीं। वहीं, एनडीए से जुड़ी पार्टियों ने मिलकर राज्य में 45.51 फीसदी वोट शेयर हासिल किया, जो 2019 के 54.34 फीसदी से कम है। चुनाव आयोग के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार संपन्न लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन इंडिया ने 2019 में 27.19 फीसदी वोट हासिल किया था जो इस बार बढ़कर 36.5 फीसदी हो गया। अर्थात इंडिया के वोट प्रतिशत में 9.31 फीसदी की तेज उछाल देखने को मिली है। वहीं, 2019 में राज्य में एनडीए और विपक्षी दल के वोट शेयर के बीच का अंतर 27.15 फीसदी था, जो इस बार घटकर 9.01 फीसदी रह गया।
एनडीए के वोट शेयर में गिरावट, सीटों की संख्या 39 से घटकर 30
एनडीए के वोट शेयर में गिरावट आने से उसकी सीटों की संख्या 39 से घटकर इस बार 30 हो गई। जबकि 2019 में विपक्षी खेमा मुश्किल से अपना खाता खोल पाया था, लेकिन इस बार नौ सीटों पर जीत दर्ज की। एनडीए में जदयू का वोट शेयर 2019 में 22.26 फीसदी था, जो इस बार गिरकर 18.52 फीसदी हो गया।
2019 में कांग्रेस का वोट शेयर 7.85 फीसदी था
वहीं, भाजपा का वोट शेयर 24.06 फीसदी से गिरकर 20.52 फीसदी और लोजपा(रा) का वोट शेयर 8.02 फीसदी से गिरकर 6.47 फीसदी रह गया। वहीं, इंडिया गठबंधन में राजद का वोट शेयर 2019 में 15.68 फीसदी था, जो इस बार बढ़कर 22.14 फीसदी हो गया। 2019 में कांग्रेस का वोट शेयर 7.85 फीसदी था, जो इस बार बढ़कर 9.20 फीसदी हो गया।
राजद को सबसे ज्यादा 22.14 प्रतिशत वोट मिला
ऐसे में इंडिया गठबंधन ने बिहार में नौ सीटें जीतकर अपना प्रदर्शन बेहतर किया। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद ने चार, कांग्रेस ने तीन और भाकपा-माले ने दो सीटें जीतीं। दूसरी ओर पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव विजयी हुए। राज्य में राजद को सबसे ज्यादा 22.14 प्रतिशत वोट मिला, जबकि दूसरे नम्बर पर भाजपा को 20.52 फीसदी वोट मिला है।
नोटा को 2.07 फीसदी वोट मिला
वहीं जदयू को 18.52 फीसदी, कांग्रेस को 9.20 फीसदी, लोजपा (रा) को 6.47 फीसदी, भाकपा-माले को 2.99 फीसदी, भाकपा को 1.30 फीसदी, माकपा को 0.87 फीसदी, बसपा को 1.75 फीसदी, एआईएमआईएम को 0.88 फीसदी और अन्य को 13.29 फीसदी वोट मिले हैं। वहीं नोटा को 2.07 फीसदी वोट मिला है।
जदयू और भाजपा ने 12-12 सीटें जीतीं
इस तरह बिहार में एनडीए की सीटों की संख्या में नौ की कमी आई क्योंकि जदयू ने चार सीटें किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और जहानाबाद खो दिया। जबकि भाजपा को पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, औरंगाबाद और सासाराम लोकसभा सीटों पर हार का मुंह देखना पडा। एनडीए में, जदयू और भाजपा ने 12-12 सीटें जीतीं, जबकि लोजपा (रा) ने पांच सीटें हासिल की।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने एक सीट जीती। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में एनडीए को करारी हार का सामना करना पड़ा। एक जून को जिन आठ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ था, उनमें से छह सीटें एनडीए को हार का सामना करना पड़ा। ये छह सीटें इंडिया ब्लॉक उम्मीदवारों की झोली में गईं।
भाजपा उम्मीदवार राज भूषण चौधरी 2,34,927 वोटों से जीते
वहीं इस चुनाव में मुजफ्फरपुर से भाजपा उम्मीदवार राज भूषण चौधरी बिहार में सबसे ज़्यादा 2,34,927 वोटों के अंतर से चुनाव जीतने वाले सांसद रहे। उन्होंने कांग्रेस के अजय निषाद को हराया। सारण से भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी ने राज्य में सबसे कम अंतर से चुनाव जीता। उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य को सिर्फ़ 13, 661 वोटों के मामूली अंतर से हराया।