बिहार: सीएम नीतीश कुमार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में बड़े पैमाने पर मुसलमानों ने किया शिरकत, मुस्लिम संगठनों ने किया था बहिष्कार का ऐलान

By एस पी सिन्हा | Updated: March 23, 2025 19:16 IST2025-03-23T19:16:18+5:302025-03-23T19:16:18+5:30

हर साल रमजान के दौरान बिहार में मुख्यमंत्री आवास पर भव्य इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाता है, जिसमें मुस्लिम समाज के बड़े-बड़े रहनुमा, उलेमा, बुद्धिजीवी और राजनीतिक चेहरे शामिल होते रहे हैं। लेकिन इस इस साल कई संगठनों ने बहिष्कार का ऐलान किया। 

Bihar: Muslims participated in large numbers in Iftar party organized by CM Nitish Kumar, Muslim organizations had announced boycott | बिहार: सीएम नीतीश कुमार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में बड़े पैमाने पर मुसलमानों ने किया शिरकत, मुस्लिम संगठनों ने किया था बहिष्कार का ऐलान

बिहार: सीएम नीतीश कुमार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में बड़े पैमाने पर मुसलमानों ने किया शिरकत, मुस्लिम संगठनों ने किया था बहिष्कार का ऐलान

Highlightsनीतीश कुमार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी से उलेमाओं ने बनाई दूरीहालांकि बड़े पैमाने पर मुसलमानों ने इसमें शिरकत कियाहर साल रमजान के दौरान बिहार में मुख्यमंत्री आवास पर भव्य इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाता है

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी का मुस्लिम संगठनों के द्वारा बहिष्कार का ऐलान किए जाने के बावजूद बड़े पैमाने पर मुसलमानों ने इसमें शिरकत किया। हालांकि प्रमुख उलेमाओं ने इससे दूरी बना ली। दरअसल, हर साल रमजान के दौरान बिहार में मुख्यमंत्री आवास पर भव्य इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाता है, जिसमें मुस्लिम समाज के बड़े-बड़े रहनुमा, उलेमा, बुद्धिजीवी और राजनीतिक चेहरे शामिल होते रहे हैं। लेकिन इस इस साल कई संगठनों ने बहिष्कार का ऐलान किया है। 

मुस्लिम संगठनों की ओर से कहा गया कि जदयू ने वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया है, इसलिए वे मुख्यमंत्री की इफ्तार दावत में शामिल नहीं होंगे। मुस्लिम संगठनों ने कहा कि वह एनडीए के सहयोगी नीतीश कुमार, एन चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान के वक्फ (संशोधन) विधेयक पर रुख को देखते हुए इफ्तार, ईद मिलन और दूसरे कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे।

 ऐसा पहली बार हुआ है जब मुस्लिम संगठनों ने मुख्यमंत्री की इफ्तार दावत का बहिष्कार किया हो। इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। राजद ने मुस्लिम संगठनों के बायकॉट का समर्थन किया था। राजद ने कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा मुसलमानों के खिलाफ होकर भाजपा का साथ दिया है। 

वक्फ संशोधन बिल का समर्थन तो ताजा मामला है, नीतीश कुमार ने तीन तलाक और सीएए पर भी भाजपा का समर्थन किया था। वहीं अब इस पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि आज भी मुसलमानों का जितना भरोसा जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर है, उतना दूसरे दलों में नहीं है। 

उन्होंने कहा कि दूसरे दल सिर्फ मुसलमानों का यूज करते हैं, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुसलमान के विकास और हित के लिए काफी काम किए हैं। उन्होंने कहा कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव को स्थाई रूप से बिहार की जनता घर बैठा देगी। राजनीति अब उनके लिए दूसरी वस्तु बन जाएगी। 

वहीं इस मामले में भाजपा प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने मुसलमानों को राजद से दूर रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी को धार्मिक मुस्लिम संगठन इमारते सरिया सहित कई मुस्लिम संगठनों का बायकॉट किया जाना काफी निंदनीय है। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि इसका प्रचार प्रसार राजद के द्वारा किया जा रहा है। 

उन्होंने मुस्लिम संगठनों से अपील की है कि राजद के कारगुजारियों से दूर रहे वे लोग एम बाई को अपना बपौती समझते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबका साथ सबका विकास के साथ बिहार का विकास और आपकी सद्भाव के साथ चल रहे हैं।

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