पटना:बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र कल मंगलवार से शुरु हो रहा है। यह सत्र 13 दिसंबर से शुरु होकर 19 दिसंबर तक चलेगा। बिहार में सता परिवर्तन के बाद यह पहला नियमित सत्र होगा, जिसमें भाजपा विपक्ष की कुर्सी पर होगी। ऐसे में यह सत्र हंगामेदार होने की संभावना जताई जा रही है।
मुख्य विपक्ष के तौर पर भाजपा विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगी, तो सत्तापक्ष किसी तरह विधायी कार्य को निपटाने का प्रयास करेगी। यह शीतकालीन सत्र 5 दिनों का होगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण विधेयक और राजकीय कार्य किए जाएंगे।
नीतीश सरकार को विपक्ष के साथ-साथ अपनों के हमले भी सहने पड़ सकते हैं। खासकर किसानों की समस्या पर राजद विधायक और पूर्व कृषिमंत्री सुधाकर सिंह सरकार को असहज कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि बाजार समिति को फिर से स्थापित करने को लेकर वो निजी विधेयक ला सकते हैं।
वहीं, शराबबंदी पर भी नीतीश कुमार को सहयोगी दल कांग्रेस के सवालों से रू ब रू होना पड़ सकता है। वैसे भाजपा बेरोजगारी, महंगाई, किसान, झुग्गी-झोपड़ी सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगी। बिहार में बढ़ते अपराध और शराबबंदी बहस का मुख्य मुद्दा होगा।
विपक्ष कानून व्यवस्था से लेकर रोजगार तक के मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है। ऐसे में सदन की कार्यवाही हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं। सरकार की ओर से भी कई विधायक लाये जाएंगे। वहीं सदस्यों के प्रश्नों का जवाब भी होगा।
मुख्य विपक्षी दल भाजपा की शीतकालीन सत्र को लेकर तैयारी पूरी हो गई है। भाजपा ने नीतीश सरकार से शिक्षक नियोजन में देरी, बिहार में महंगाई, बेरोजगारी, यूरिया की किल्लत के साथ-साथ कानून व्यवस्था तक पर सवाल करने की बात कही है। भाजपा सदन के बाहर और सदन के अंदर दोनों जगहों पर मजबूती से सरकार को घेरने का काम करेगी।
भाजपा नेता और सचेतक जनक सिंह ने कहा कि सदन में सरकार को हर मोर्चे पर घेरने की रणनीति बनायी गई है। इधर, विपक्ष और सहयोगी दल के कड़े रुख को लेकर सत्ताधारी दल भी परेशान दिख रहा है। विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए सरकार ने ठोस रणनीति बनाई है।
अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि सही जवाब सदन के अंदर आये। राजद विधायक मुकेश कुमार यादव ने कहा कि अब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। बेरोजगारी, महंगाई सहित मुद्दों पर सरकार पहले से ही काम कर रही है। बावजूद इसके भाजपा अगर किसी भी तरह का सवाल उठाती है तो उसका जवाब देने को हम लोग तैयार हैं।
इस बार विधानसभा में भाजपा का मनोबल इस वजह से ऊंचा रहेगा क्योंकि पिछले दिनों हुए 3 विधानसभा के उपचुनाव में 2 में उसने जीत हासिल की है।