पटनाः बिहार विधान परिषद चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच कलह फिर सतह पर है. राजद ने सहयोगी दल कांग्रेस से बिना सहमति लिए कई सीटों पर अपने प्रत्याशी तय कर दिए हैं. इधर, कांग्रेस ने भी राजद की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कमजोर नहीं समझने की चेतावनी दे डाली है.
इस बीच राजद ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि विधान परिषद की सीटें सत्यनारायण भगवान का प्रसाद नहीं है, जिसे बांट दें. वहीं, कांग्रेस 7 सीट की मांग पर अड़ी हुई है. ऐसे में राजद के रवैये से महागठबंधन के दोनों बडे़ घटक दलों के बीच तल्खी और बढ़ने के आसार हैं.
राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने साफ शब्दो में कह दिया है कि विधानपरिषद की सीटें कोई सत्यनारायण भगवान का प्रसाद नहीं कि जो जितना मांगे उतना दे दिया जाएगा. उन्होंने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस सिर्फ 7 सीटों पर ही क्यों अटकी हुई है? 7 सीट सिर्फ लेने से ही जीत नहीं मिल जाएगी, इसके लिए 7 मजबूत उम्मीदवार भी चाहिए होंगे.
कांग्रेस पहले अपना उम्मीदवार तो तलाश ले उसके बाद सीट मांगने का काम करे. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद सभी सीटों पर चुनाव की तैयारी में जुटा है. किसकी कितनी ताकत है, सब जानते हैं. कांग्रेस के 19 विधायक राजद की वजह से ही हैं. इसबीच, कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि उसने अपने संभावित प्रत्याशियों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी है.
वहां से निर्देश मिलते ही प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी. जबकि विधानपरिषद चुनाव के लिए राजद ने बिना कांग्रेस के साथ बैठक किए या उनकी राय लिए एक दर्जन के करीब उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं. राजद ने पश्चिमी चंपारण से भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं, जहां कांग्रेस दावा ठोकती रही है.
उल्लेखनीय है कि बीते विधानसभा उपचुनाव की दो सीटों पर प्रत्याशी तय करने में दोनों दलों के बीच पहले भी ऐसे ही हालात हुए थे. राजद द्वारा अपने प्रत्याशी देने के बाद कांग्रेस ने भी महागठबंधन से अलग अपने प्रत्याशी दिए थे. नतीजा दोनों दलों की हार के रूप में सामने आया.
इसके बाद कांग्रेस ने महागठबंधन छोड़ने की घोषणा तक कर दी थी. हालांकि, वह अभी भी महागठबंधन में शामिल है. कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने बीते विधानसभा उपचुनाव के हालात की याद दिलाते हुए कहा है कि अगर उपचुनाव में राजद व कांग्रेस मिलकर लडे़ होते तो दोनों सीटों पर जीत होती. कांग्रेस के उम्मीदवार पार्टी तय करेगी.