बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर झूठ बोलने का आरोप लगाने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पर जदयू हमलावर हो गई है. पार्टी विरोधी बयान देते रहे प्रशांत किशोर की अब सीधे पार्टी सुप्रीमो व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ठन गई है. जदयू नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कोई उन्हें 'दलाल' व 'कोरोना वायरस' तो कोई ‘जाली माल’ कह रहा है. प्रशांत किशोर पर हमला करते हुए जदयू नेता अजय आलोक ने 'कोरोना वायरस' करार दिया है. साथ ही उन्होंने प्रशांत किशोर को 'भरोसे लायक आदमी नहीं' बताया है.
जदयू नेता अजय आलोक ने प्रशांत किशोर पर हमला बोलते हुए कहा है कि 'यह आदमी भरोसे लायक नहीं है. वे मोदी जी और नीतीश जी का भरोसा नहीं जीत सके. वह आम आदमी पार्टी के लिए काम करते हैं. राहुल गांधी से बात करते हैं और ममता दीदी के साथ बैठते हैं. कौन उन पर भरोसा करेगा? हमे खुशी है कि यह 'कोरोना वायरस' हमें छोड़ कर जा रहा है. वह जहां जाना चाहते हैं, जाएं. लेकिन खास बात यह है कि जदयू ने प्रशांत किशोर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. वे अभी भी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं.
उल्लेखनीय है कि प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) व राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं. उन्होंने सीएए का भी विरोध किया है. जबकि, जदयू ने सीएए को संसद में समर्थन दिया है. पार्टी लाइन के खिलाफ उनके बयानों के कारण जदयू के अंदर से उनपर हमले होते रहे. भाजपा नेता भी उनकी आलोचना पर उतर आए.
जब प्रशांत किशोर ने अमित शाह के खिलाफ बयान दिया तो अगले दिन नीतीश कुमार ने उन्हें कड़ी नसीहत देते हुए कहा कि जिन्हें पार्टी से जाना है, जा सकते हैं. इसके बाद जदयू में हाशिए पर चले गए प्रशांत किशोर के खिलाफ नीतीश कुमार ने मंगलवार को भी कहा कि वे चाहें तो पार्टी छोड़कर जा सकते हैं. जवाब में प्रशांत किशोर ने भी नीतीश कुमार पर पहली बार हमला करते हुए कहा कि वे बिहार आकर नीतीश को जवाब देंगे.
वहीं, नीतीश कुमार के सख्त रूख को देखते हुए पूरी पार्टी अपने ही उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पर हमलावर दिख रही है. जदयू विधायक श्याम बहादुर सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर को तो पार्टी से काफी पहले निकाल देना चाहिए था. इसमें देर हो रही है. उन्होंने प्रशांत किशोर को 'जाली माल' करार दिया. जबकि जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर नेता नहीं धंधेबाज हैं.
उन्होंने कहा कि चार टांग वाले को तो बांध कर रखा जा सकता है, दो टांग वाले को बांधना संभव नहीं. उन्हें जाना है तो जाएं. नीतीश कुमार ने एक-एक ईंट जोड़कर जो 'महल' को बनाया है, प्रशांत किशोर उसमें रहने लायक नहीं हैं. इससे पहले प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा था कि 'आपको मेरे जवाब का इंतजार करना चाहिए. मैं बिहार आकर जवाब दूंगा.'
इसके बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा था कि 'आपको झूठ बोलने का क्या औचित्य है कि आपने मुझे जदयू में कैसे और क्यों शामिल किया!!' साथ ही कहा था कि 'आपकी ओर से पूरी नाकामयाब कोशिश की गई कि आपकी तरह मेरा भी रंग हो जाए!' साथ ही कहा था कि 'अगर आप सच बता रहे हैं और उस पर जो यकीन कर रहे हैं, तो आपमें इतनी भी हिम्मत नहीं है कि आप अमित शाह द्वारा सुझाये गये किसी व्यक्ति की बात सुनें?'
इसके बाद अजय आलोक ने पलटवार करते हुए कहा था कि 'अब भी बोलेंगे!!! खैर हम इंतजार करेंगे आपका, लेकिन किससे पूछ के बोलेंगे राहुल गांधी या केजरीवाल या फिर दीदी?? बता दीजिए अच्छा ही रहेगा!!' साथ ही सवाल उठाते हुए पूछा था कि 'वैसे प्राथमिक सदस्यता का नवीनीकरण करवाया था या नहीं??' 'अरे नीतीश कुमार का पतन देखने का सपना देखते-देखते लालू जी होटवार जेल पहुंच गये भई, आप कहां जाओगे? राजनीतिक विश्वसनीयता कहां हैं आपकी? कांग्रेस, आप, एसएस, टीएमसी, डीएमके? कोई तो बताओ? नीतीश जी को बहुत काम हैं भई तुमसे रंग मिलाने के अलावा, वैसे भी अपना कद देखकर बोलना चाहिए.' अजय आलोक ने कहा कि प्रशांत किशोर कॉरपोरेट दलाल व कोरोना वायरस हैं. नीतीश के रहमोकरम पर पार्टी में आए और अपनी औकात भूल गए.