पटनाः पूर्व केन्द्रीय मंत्री व रालोजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के द्वारा पिछले दिनों जदयू में बड़ी टूट होने की संभावना जताए जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब अपना घर संभालने में जुट गए हैं। नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री आवास में पहली बार अपने दल के सभी विधायकों-विधान पार्षदों से एक-एक कर बातचीत की है।
इसके पहले नीतीश कुमार सभी विधायकों के साथ औपचारिक बैठक किया करते थे। बैठक में क्या हुआ, इसपर कोई खुलकर कुछ तैयार नहीं हुआ। लेकिन कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने विधायकों-विधान पार्षदों को महत्वपूर्ण टास्क दिया है। सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने विधायकों-विधान पार्षदों से एक-एक कर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बात की है।
कहा जा रहा है कि उन्होंने सभी से कई मुद्दों पर फीड बैक लेते हुए कई तरह के निर्देश भी दिए हैं। सीएम से मुलाकात के बाद बाहर निकलने वाले विधायकों और विधान पार्षदों ने पूरी बातचीत का खुलासा तो नहीं किया,पर उन्होंने जितनी भी बातें मीडियाकर्मियों से शेयर की है, उससे स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से अलर्ट हो गए हैं।
विधायकों से बातचीत में नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा है। पार्टी के विधायकों से मुख्यमंत्री ने उनके क्षेत्र की समस्याओं को जाना और समझा। पार्टी की वहां क्या स्थिति है और किस स्तर पर संगठन को मजबूत बनाए जाने की जरूरत है, इसका भी फीडबैक लिया है।
विधायक रामविलास कामत ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद बताया कि मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की समस्याओं पर बातचीत की और कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए तत्पर रहिए। कहीं कोई भी दिक्कत हो, समस्या हो तो मुझसे बात कीजिए। जबकि विधान पार्षद व प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि हम लोग तो आते रहते हैं, इसमें कोई राजनीतिक संदर्भ नहीं है औपचारिक बात है जो लोग समय मांगते हैं, वह लोग आते हैं।
उधर, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कहा कि जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजप के कंधे से उतरकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की गोद में बैठे हैं, तब से जदयू के विधायक, सांसद और नेता दूसरी पार्टी में मौका तलाश रहे हैं। मुख्यमंत्री अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। यही वजह है कि नीतीश कुमार विधायकों, सांसदों और नेताओं से वन- टू- वन मुलाकात कर संकट को संभालने की कोशिश कर रहे हैं।